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वाराणसी: अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) से कि जाँच अधिकारी कि शिकायत

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*आइजीआरएस पोर्टल बना सो पीस*

अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) से कि जाँच अधिकारी कि शिकायत

*शिकायतकर्ता अधिवक्ता गौतम झा ने जांच अधिकारी पर लगाया भेदभाव का गम्भीर आरोप*

बिहार न्यूज़ लाइव वाराणसी डेस्क: वाराणसी| प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आइजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को समयबद्ध, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण जाँच करके निस्तारित करने के लिए प्रदेश के अधिकारियों को बराबर निर्देशित करते रहते हैं लेकिन अधिकारी ऐन-केन प्रकारेण रिपोर्ट लगाकर आइजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को निस्तारित दिखा देते हैं|

ऐसा ही आइजीआरएस पोर्टल से सम्बन्धित एक अजीबोग़रीब मामला सामने आया है जिसमें शिकायतकर्ता अधिवक्ता गौतम कुमार झा ने अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) से लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि दिनाँक-11-9-2023 को तत्कालीन चकबन्दी अधिकारी प्रथम, वाराणसी अजय तिवारी के फर्जीवाड़ा कर आदेश पारित करने कि शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कि थी,मुख्यमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव अजय कुमार ओझा ने नियमानुसार जाँच के लिए शिकायती प्रार्थना पत्र वाराणसी के मण्डलायुक्त को प्रेषित किया था, मण्डलायुक्त कार्यालय ने निष्पक्ष जाँच के जिलाधिकारी वाराणसी को भेजा था| जिलाधिकारी कार्यालय ने चकबन्दी का मामला होने के कारण डीडीसी को जाँच करने के लिए कहा|डीडीसी ने अपने अधीनस्थ एसओसी को दिया|

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि एसओसी ने बिना सोचे समझे रिपोर्ट के लिए चकबन्दी अधिकारी प्रथम मनोज सिंह को भेज दिया जबकि फर्जीवाड़ा कर आदेश पारित करने का आरोप तत्कालीन चकबन्दी अधिकारी प्रथम अजय तिवारी पर ही लगा है|

शिकायतकर्ता अधिवक्ता गौतम कुमार झा का कहना है कि जब वो हलफनामे से समर्थित अपना बयान जमा करने चकबन्दी अधिकारी प्रथम मनोज सिंह के आफिस पहुँचे तो जांच अधिकारी ने शिकायत वापस लेने के लिए नाजायज दबाव बनाते हुए कहा कि आइजीआरएस पोर्टल फर्जीगिरी है और इस पर दर्ज शिकायतें फर्जी होते हैं| मैं अपने समकक्ष अधिकारी के खिलाफ कुछ नही लिख सकता हूँ क्योंकि ऐसा लिखने का क्षेत्राधिकारी मेरे पास नही है ऐसा कहकर जांच अधिकारी ने आइजीआरएस पोर्टल पर फर्जी और मनमाना रिपोर्ट लगाकर शिकायत का निस्तारण कर दिया|

अब प्रश्न उठता है जिस अधिकारी के पास अपने समकक्ष अधिकारी के खिलाफ लिखने का क्षेत्राधिकार नही है जैसा कि वो स्वयं कह रहे हैं फिर ऐसे अधिकारी को शिकायत के जांच करने के लिए क्यों कहा गया|

 

 

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