बिहार न्यूज़ लाईव हाजीपुर डेस्क:_____डॉ० संजय (हाजीपुर) – वैशाली जिले के वीरचन्द पटेल स्मारक महाविद्यालय, देसरी में शुक्रवार को ‘श्री अन्न की उपयोगिता’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता बीआर ए,बिहार विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण के अध्यक्ष-सह-सचिव,वी पी एस कालेज,देसरी,प्रो० अभय कुमार सिंह ने की तथा संचालन,डॉ० अभयनाथ सिंह ने की। इस अवसर पर पधारे बिहार सरकार के शिक्षा सलाहकार,डॉ० एन के अग्रवाल ने निज कर-कमलों से दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस उद्घाटन कार्यक्रम में आगत मुख्य अतिथिगण तथा विशिष्ट अतिथियों ने संयुक्त रूप से भाग लिया।इसके बाद आगत मुख्य अतिथियों तथा विशिष्ट अतिथियों को महाविद्यालय परिवार द्वारा शाॅल और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का शुभारम्भ इस महाविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष तथा कार्यक्रम की संयोजिका, डॉ० बबिता कुमारी के स्वागत भाषण से हुआ।
कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथिगण तथा विशिष्ट अतिथियों में डॉ० राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि महाविद्यालय,पूसा से सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता,डॉ० उषा सिंह, वैशाली महाविद्यालय, हाजीपुर की प्रचार्या, डॉ० अलका तथा डॉ० वेद नारायण सिंह,जिला कृषि पदाधिकारी-सह- परियोजना निदेशक,आत्मा, वैशाली, डॉ० सुनीता कुशवाह, प्रधान वैज्ञानिक- सह-प्रभारी, कृषि विज्ञान केन्द्र, हरिहरपुर,वैशाली, डॉ० गीतांजलि चौधरी,एसोसिएट प्रोफेसर- सह-वरिष्ठ वैज्ञानिक (आहार एवं पोषण), डॉ० राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के साथ- साथ हरिवंश नारायण सिंह, अध्यक्ष, आत्मा, विदुपुर-सह-अध्यक्ष उत्तर बिहार भारतीय किसान संघ, अनिता कुशवाहा, मोटा अनाज विशेषज्ञ, एबीएस कालेज ,लालगंज के डॉ० विनय कुमार सिंह, डॉ० प्रवीण कुमार सिंह, ने भी समवेत स्वर में मुक्त कंठ से स्वीकार किया कि श्री अन्न अर्थात मोटा अनाज- मरुआ, सामा, कौनी,चीना की उपयोगिता सदियों से रही है और आज जरूरत इस बात की है कि हम इसका प्रयोग अपने दैनादिक जीवन में करें ताकि स्वस्थ रह सकें। वक्ताओं ने बताया कि आज तेजी से बदल रहे आधुनिक परिवेश में इसकी महत्ता बढ गई है।इस अनाज के उपयोग से कई बीमारियों में रोकथाम मिलती है।वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि हमारे पूर्वज श्री अन्न अर्थात मोटा अनाज को दैनादिक जीवन में महत्व देते थे तो हृष्ट-पुष्ट रहते थे।उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी थी ।
वक्ताओं ने सभागार में उपस्थित सभी छात्र- छात्राओं से इसे प्रयोग में लाने की अपील की।कृषि विभाग के अधिकारी ने श्री अन्न की अधिकाधिक मात्रा में पैदावार बढाने के लिए विभागीय योजना तथा सरकार द्वारा मिलनेवाली सहायता के सन्दर्भ में बातें बतायी। कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय के प्राचार्य,डॉ० राजीव कुमार ने आगत अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर इस महाविद्यालय के सभी संकाय के प्राध्यापक गण तथा कर्मी गण के साथ-साथ छात्र- छात्राएं और स्थानीय नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
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