बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क:शहरी व ग्रामीण इलाकों में डेंगू से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए दिया गया आवश्यक दिशा निर्देश: सिविल सर्जन
विभागीय स्तर पर फॉगिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करना बेहद जरूरी: डीवीबीडीसीओ
डेंगू के तीन मरीजों का किया जा रहा है उपचार: उपाधीक्षक
स्थानीय अस्पताल में मरीजों के लिए मच्छरदानी युक्त 10 बेड सुरक्षित: अस्पताल प्रबंधक
फोटो 03 मरीज के पास बैठी परिजन
छपरा कार्यालय।
जिले में डेंगू की रोकथाम को लेकर एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन के अलावा स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। डेंगू के खतरों को देखते हुए जिलाधिकारी के मार्गदर्शन और दिशा- निर्देश में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में है। डेंगू से संबंधित मामलों की समीक्षा, जागरूकता अभियान एवं फॉगिंग का अनुश्रवण प्रत्येक दिन किया जा रहा है। जिसको लेकर प्रखंडवार डेंगू (एलाइजा) जांच और मरीजों के संबंध में जानकारी राज्य मुख्यालय को ससमय उपलब्ध करायी जा रही है।
शहरी व ग्रामीण इलाकों में डेंगू से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए दिया गया आवश्यक दिशा निर्देश: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि डेंगू के मामलों पर प्रभावी रूप से रोक लगाने को लेकर जिले के सभी अस्पतालों में डेंगू जांच किट व इलाज की सुविधा सुनिश्चित करने को लेकर संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। शहरी क्षेत्रों सहित ग्रामीण इलाकों में डेंगू से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। डेंगू के प्रसार पर आसानी से रोक लगाने में डेंगू प्रभावित गांवों में शत प्रतिशत फॉगिंग करानी सुनिश्चित होनी चाहिए। डेंगू जैसी बीमारी से ग्रसित अधिकांश लोग रोग से निजात पाकर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। हालांकि अभी भी कुछ दिनों तक डेंगू के प्रसार की संभावना है। लिहाजा रोग के खतरों के प्रति सतर्क रहते हुए एहतियाती उपायों पर अमल करना बेहद जरूरी है।
विभागीय स्तर पर फॉगिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करना बेहद जरूरी: डीवीबीडीसीओ
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू के प्रसार की संभावना अब धीरे धीरे समाप्त हो रही है। लिहाजा रोग से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए सतर्कता जरूरी है। क्योंकि डेंगू जैसी बीमारी के प्रति जागरूक होकर इससे आसानी से बचाव करना बेहद ही सरल है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में डेंगू मरीजों की जांच व इलाज को लेकर समुचित इंतजाम उपलब्ध कराया गया है। रोग पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से प्रभावित इलाकों में फॉगिंग करायी जा रही है। ग्रामीण इलाकों में जहां विभागीय स्तर से फॉगिंग का कार्य संपन्न कराया जा रहा वहीं शहरी इलाकों में संबंधित नगर प्रशासन के माध्यम से छिड़काव का कार्य संपादित किया जा रहा है।
डेंगू के तीन मरीजों का किया जा रहा है उपचार: उपाधीक्षक
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सत्यदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि सदर अस्पताल में फ़िलहाल डेंगू के 3 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जबकि दो मरीज के पूरी तरह से स्वास्थ होने के बाद कल ही उनको छुट्टी दे दी गई है। हालांकि डेंगू से निबटने के लिए जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में मच्छरदानीयुक्त 10 बेड जबकि अन्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 5- 5 विशेष डेंगू वार्ड सुरक्षित बनाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि डेंगू से बचाव को लेकर फिलहाल सतर्क रहने की जरूरत है। हालांकि डेंगू के खतरों से किसी को घबराने की नहीं बल्कि सावधानी पूर्वक बचाव से संबंधित उपचार और परहेज को गंभीरता से सुनिश्चित कराना जरूरी है।
स्थानीय अस्पताल में मरीजों के लिए मच्छरदानी युक्त 10 बेड सुरक्षित: अस्पताल प्रबंधक
सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों की संख्या पांच थी। लेकिन दो लोगों को वापस घर भेज दिया गया है। क्योंकि वे लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके थे।
स्थानीय अस्पताल में मच्छरदानी युक्त 10 बेड सुरक्षित रखा गया है। ताकि शहरी क्षेत्रों के अलावा जिले में डेंगू के मरीज़ मिलने पर उसका समुचित उपचार कर जल्द से जल्द ठीक किया जा सके। विभागीय स्तर पर आवश्यक रूप से सख़्त निर्देश दिया गया है कि किसी भी मरीज की जांच में अगर डेंगू की पुष्टि होती है तो अविलंब विभाग को सूचित किया जाना चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू जांच किट भी उपलब्ध है।
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