अररिया: पंचायत भवन और आरटीपीएस कार्यालय में लटका रहता है हमेशा ताला,कौन कर्मी कब बैठता किसी को पता नहीं
बिहार न्यूज़ लाईव अररिया डेस्क: प्रतिनिधि,भरगामा.अररिया. जिले के भरगामा प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत कार्यालय की स्थिति बदतर है. यहां काम का कोई सिस्टम नहीं है. कौन कर्मी कब आएगा और कौन नहीं,इसकी जानकारी किसी अधिकारी को भी नहीं रहता है,तो जाहिर सी बात है कि जरूरतमंद ग्रामीणों को कैसे पता रहेगा. बताया जाता है कि पंचायत सचिवों व अन्य कर्मियों से मुलाकात करने के लिए जरूरतमंद लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. कहा जाता है कि जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते अधिकतर पंचायत सरकार भवन व पंचायत भवन एवं आरटीपीएस काउंटर बंद रहता है. पंचायत के लोगों का कहना है कि उक्त पंचायत कार्यालय में हमेशा ताला लटका रहता और इस कार्यालय में कोई कर्मी नहीं बैठते हैं. जिसके चलते ग्रामीणों का समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. ऐसे में उन्हें लम्बी दूरी तय कर प्रखंड कार्यालय का चक्कर पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि उक्त पंचायत स्तरीय कार्यालय पर न तो विकास कार्यों को लेकर कभी बैठक की जाती है,न हीं ग्रामीणों को प्राथमिक स्तर की सुविधाएं मिल पाती है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार भरगामा प्रखंड क्षेत्र के हरिपुरकला पंचायत में मिलन कुमार,विषहरिया में यशी कर्ण,धनेश्वरी में रंजीत कुमार,वीरनगर पश्चिम में मनीष कुमार,रघुनाथपुर दक्षिण में राजकिशोर कुमार,वीरनगर पूरब में अभिचल छैला,खजुरी में चन्दन कुमार,सिरसिया हनुमानगंज में सविता कुमारी,खुटहा बैजनाथपुर में श्वेता कुमारी,जयनगर में कन्हैया कुमार,सिमरबनी में जयकुमार पासवान,शंकरपुर में रेणु कुमारी,मनुल्लाहपट्टी में मोनिका कुमारी,आदि रामपुर में सौरभ कुमार,भरगामा में अर्चना कुमारी,पैकपार में मनीषा कुमारी,रघुनाथपुर उत्तर में रूनीता कुमारी,सिरसियाकला में संतोष कुमार,कुसमौल में अनामिका कुमारी आरटीपीएस कर्मियों को पदस्थापित किया गया है. जबकि नया भरगामा पंचायत में फिलहाल आरटीपीएस कर्मियों की पद रिक्त है. बता दें कि इन कर्मियों को विभाग के द्वारा आवंटित पंचायत कार्यालय में प्रतिदिन उपस्थित रहना है. जबकि राजस्व कर्मचारी,पंचायत सचिव,ग्राम कचहरी सचिव,तकनीकि सहायक,लेखापाल,पंचायत रोजगार सेवक,आवास सहायक,विकास मित्र,किसान सलाहकार आदि को भी रोस्टर के अनुसार अपने-अपने कार्यालय में बैठना अनिवार्य है,लेकिन उपरोक्त कर्मी अपने कार्यालय में समयानुसार नहीं बैठते हैं.
फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों का दावा है कि उनके अधीनस्थ कार्य कर रहे सभी पंचायत स्तरीय कर्मी प्रत्येक दिन ससमय पंचायत कार्यालय में बैठते हैं. उनका ये भी दावा रहता है कि उनके अधीनस्थ कार्य कर रहे सभी पंचायत स्तरीय कर्मी प्रत्येक दिन पंचायत कार्यालय से लोकेशन व फोटो उन्हें उपलब्ध करवाते हैं. लेकिन,कर्मियों के द्वारा उपलब्ध करवाए गए लोकेशन व फोटो में कितनी सच्चाई रहती है,इसका जमीनी हकीकत उस वक्त पता चलता है जब पंचायत कार्यालय व आरटीपीएस काउंटर पर पहुंचकर छानबीन किया जाता है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि उपरोक्त कर्मियों द्वारा जो लोकेशन व फोटो अधिकारियों को उपलब्ध करवाया जाता है,उसमें से अधिकांश कर्मी अपने घर से हीं लोकेशन व फोटो अधिकारिक व्हाट्सप्प ग्रुप में शेयर करते हैं.
इससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि या तो जिम्मेदार अधिकारियों को लोकेशन व फोटो का सटीक जांच करने का शायद ज्ञान नहीं है,या नहीं तो सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं. बताया जाता है कि इस संबंध में जब ग्रामीणों द्वारा वरीय अधिकारियों से शिकायत की जाती है तो दिखावे के लिए पंचायत में पदस्थापित संबंधित कर्मियों को सूचना देकर पंचायत कार्यालय का निरीक्षण करते हैं. ताकि उनके निरीक्षण के दौरान सभी कर्मी अपने-अपने कार्यालय में उपस्थित मिलेंगे. इधर,ग्रामीणों का दावा है कि जांच टीम अगर बिना सूचना दिए हुए पंचायत कार्यालय का निरीक्षण करेंगे,तो उन्हें अधिकतर पंचायत कार्यालय में ताला लटका मिलेगा.
वहीं इस संबंध में पंचायती राज विभाग के मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच का आदेश जिला अधिकारी को दिया गया है,कहा गया है कि निर्धारित समय से पहले अगर पंचायत कार्यालय बंद पाया जाता है तो संबंधित कर्मियों एवं अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें. उन्होंने कहा है कि सभी पंचायतों में आम जनताओं के समस्याओं का समाधान लिए सभी विभागों के कर्मियों को पदस्थापित किया गया है,जिसे विभागीय आदेशानुसार अपने-अपने कार्यालय में निर्धारित समय पर उपस्थित रहना अनिवार्य है.
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