बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क: माँझी। सोमवार की रात माँझी थाना क्षेत्र के मझनपुरा गाँव समीप स्थित राम लक्ष्मण जानकी मंदिर के पुजारी संत शँकर दास उम्र 40 वर्ष की अपराधकर्मियों द्वारा गला घोंट कर हत्या कर दी गई। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि पुजारी की हत्या करने के बाद अपराधकर्मी अष्टधातु से निर्मित लगभग ढाई किलो वजन की लड्डू गोपाल की मूर्ति तथा पीतल की दो अन्य मूर्तियों को लूटकर सरयु नदी के रास्ते फरार हो गए। मंगलवार की सुबह घटना की खबर आग की तरह फैल गई। सूचना पाकर मौके पर पहुँचे आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीणों ने आनन फानन में हाजीपुर से गाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मन्दिर के सामने बांस बल्ला तथा चौकी आदि रखकर तथा टायर में आगजनी करके सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया जिससे लगभग तीन घण्टे तक आवागमन पूरी तरह ठप रहा। इस लोमहर्षक घटना की सूचना पाकर दलबल के साथ पहुँचे माँझी के थानाध्यक्ष अमित कुमार राम ने तत्काल एफएसएल की टीम एवम खोजी कुत्ता बुलाकर मामले की छानबीन शुरू कर दी। घटना की सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुँचे छपरा के सदर एसडीओ संजय कुमार राय,डीएसपी राज कुमार,बीडीओ रंजीत सिंह,सीओ सौरभ अभिषेक,राजस्व पदाधिकारी रोजी कुमारी के अलावा रिविलगंज, कोपा, दाउदपुर तथा एकमा थाना पुलिस के जवान तथा स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि उदय शंकर सिंह एवम बीडीसी प्रतिनिधि सुनील कुमार पाण्डेय आदि आक्रोशित लोगो को घण्टों समझाते बुझाते रहे। काफी मशक्कत के बाद पुलिस सुबह साढ़े दस बजे शव को पोस्टमार्टम हेतु भेजने तथा सड़क जाम हटवाने में सफल हुई। उधर पुलिस द्वारा मंगाये गए खोजी कुत्ते ने सरयु नदी के रास्ते अपराधकर्मियों के आने जाने की संभावना को इंगित किया। इस दौरान किसी अपराधी का एक जोड़ी जूता भी बरामद होने की खबर है।
हत्याकाण्ड के की पड़ताल के तहत पुलिस तीन बिंदुओं पर तहकीकात शुरू कर चुकी है। हत्याकांड के पीछे प्रेम प्रसंग की संभावना के अलावा पुजारी के घर से जुड़े सम्भावित विवादित मामले के साथ साथ शराब की तस्करी को भी एक कारण माना जा रहा है। कई ग्रामीणों ने बताया कि घटनास्थल के पीछे स्थित प्रसिद्ध गंगोपड़ाइन मन्दिर परिसर में दिन भर पूजा पाठ करने वालों की उपस्थिति से चहल पहल तो रहती है। जबकि रात के अंधेरे में मन्दिर के समीप सरयु नदी के रास्ते शराब तस्कर सक्रिय हो जाते हैं। कई बार इसके आसपास शराब तस्करों के पकड़े जाने की भी सूचना है। लगभग दो दशक पूर्व मन्दिर के पीछे प्रेम प्रसंग के एक मामले में सेना के एक जवान का क्षत विक्षत शव बरामद हुआ था। उससे भी पहले लगभग ढाई दशक पूर्व उक्त मन्दिर के समीप ट्रक लूट की एक घटना के बाद उसके चालक व उप चालक की बेरहमी से हत्या कर फेंका गया दोनों का शव बरामद हुआ था। मन्दिर के समीप सुनसान स्थान होने के चलते इस क्षेत्र में आपराधिक घटनाएँ होती रही हैं।
बताते चलें कि वर्ष 2010 में उक्त मन्दिर के तत्कालीन पुजारी स्व गिरधारी दास को बंधक बनाकर अपराधकर्मियों ने मन्दिर में स्थापित राम लक्ष्मण जानकी की अष्टधातु की मूर्ति लूट ली थी। जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा संगमरमर से निर्मित राम लक्ष्मण जानकी की मूर्ति दुबारा स्थापित कर विधिवत उनकी प्राण प्रतिष्ठा कराई गई।
मृतक पुजारी शँकर दास सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद स्थित दया छपरा गाँव के रहने वाले थे। बीते आठ महीने पहले मन्दिर के पुजारी संत ताटम्बरी बाबा के निधन के बाद सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में साधु संतों ने संत शँकर दास को वैदिक रीति रिवाज से चादर सौंपकर मन्दिर का पुजारी व उत्तराधिकारी मनोनीत किया था।
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