बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क: संठा का महावीर मंदिर. ऐसा मंदिर जहां आने वाले हर श्रद्धालुओ की मुरादें होती है पुरी ,जहां भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ नजर आती है. कहा जाता है कि इसे 300वर्ष पूर्व ग्रामीणो द्वारा स्थापित किया गया था. ये मंदिर अति प्राचीन माना जाता है.
स्थानीय लोग बताते हैं कि लगभग 300 वर्ष पूर्व बाढ़ के दिनों में हनुमान जी की मूर्ति मिली थी और जिसे मिला उसे हनुमान जी रात में स्वप्न दिए कि मेरा मंदिर बनवा दो तब से यहां पूजा की परंपरा प्रारंभ हो गई और आस्था इतनी की मंदिर परिसर में सावन के अंतिम मंगलवार या शनिवार के दिन वार्षिक पूजा होती है उसे पूजा में बिहार के बाहर से भी लोग आते हैं मंदिर परिसर में ध्वज लगाने की जो परंपरा है। उसके बारे में ग्रामीणों द्वारा बताया जाता है कि जिनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है वह मंदिर परिसर में ध्वज लगाते हैं ,और इसकी संख्या हजारों में होती है ।
कहा जाता है कि इस मंदिर मे वार्षिक पूजा मे चढ़ने वाला प्रसाद सुद्ध घी का चढ़ता है । और इसका वजन हजारो क्विंटल मे होता है।
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