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अजमेर: भाजपा से बगावत कर सरपंच रावत निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

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*गांव वालों ने चंदा कर जोड़े 36 लाख
* भाजपा पार्षद सारस्वत भी निर्दलीय लड़ सकते है चुनाव

बिहार न्यूज़ लाइव अजमेर डेस्क: अजमेर (हरिप्रसाद शर्मा) राजस्थान विधानसभा चुनाव में नेताओं के बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का सिलसिला जारी है। अजमेर नगर निगम के पार्षद ज्ञान सारस्वत ने भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ने का एलान किया था। अब तो हाथीखेड़ा गांव के सरपंच लाल सिंह रावत ने भी बगावत कर अजमेर उत्तर से भाजपा प्रत्याशी वासुदेव देवनानी के सामने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। ग्रामवासियों ने रावत को चुनाव लड़ने के लिए चंदा कर पैसे दिए हैं। दो नेताओं के मैदान में उतरने से देवनानी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लंबे समय से अजमेर उत्तर से भाजपा उम्मीदवार का चेहरा बदलने की मांग की जा रही थी। जिसे दरकिनार कर भाजपा ने विधायक वासुदेव देवनानी को प्रत्याशी बना दिया। इससे नाराज नेताओं ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। इससे देवनानी के पांचवीं बार विधायक बनने की राह मुश्किल होती नजर आ रही है।

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*भाजपा के वोट बैंक में लग सकती है सेंध
अजमेर नगर निगम के पार्षद ज्ञान सारस्वत और हाथीखेड़ा सरपंच लालसिंह रावत की बगावत देवनानी को वोटों के लिहाज से बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। सारस्वत जिस वार्ड से चुनाव जीतते हैं वो भाजपा का गढ़ रहा है। यहां राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य मतदाताओं का बाहुल्य है। सारस्वत की व्यक्तिगत छवि भाजपा के वोटों में सेंध लगाएगी। वहीं, लाल सिंह रावत का गांव हाथीखेड़ा रावत बाहुल्य इलाका है। सभी ग्रामवासी रावत द्वारा कराए गए काम से खुश नजर आ रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र में भी उनकी छवि अच्छी है जो भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है।

*कार्रवाई का डर नहीं, जल्द दूंगा इस्तीफा -रावत
हाथीखेड़ा सरपंच लालसिंह रावत का कहना है कि हमने स्थानीय, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को ज्ञापन देकर चेहरा बदलने की मांग की थी। लेकिन, पार्टी में हमारा मान सम्मान नहीं रहा। पंचायत की उपेक्षा के कारण लोगों ने चुनाव मैदान में उतरने के लिए कहा है। मैं किसी भी दबाव में नहीं हूं। चुनाव लड़ाने के लिए गांव के लोगों ने 36 लाख रुपये चंदा किया है। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा के खिलाफ नहीं, चेहरे के खिलाफ चुनाव लडूंगा। रावत ने कहा कि पार्टी की कार्रवाई का डर नहीं है, नामांकन से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दूंगा।

*रावत की ये है ताकत
लाल सिंह रावत को सजातीय वोटों का सहारा है, साधन संपन्न है, युवा रावतों में अच्छी पकड़ है। वार्ड पंच, उपसरपंच, सरपंच का चुनाव लगातार जीते, ग्रामीणों के समर्थन, अन्य समाजों से भी जुड़ाव है। सरपंच रहते काजीपुरा, बोराज को राजस्व गांव का दर्जा दिलवाया है। जिससे भाजपा के वोटो में सेंध लगाकर 4 बार से विधायक वासुदेव देवनानी के लिए इस बार मुश्किलें खड़ी कर सकते है ।

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