*काशी में चौथे सोमवार को शिवभक्तों को होगा बाबा विश्वनाथ के अलौकिक स्वरूप का दर्शन*
*भोले के भक्तों के लिए रेड कारपेट बिछाकर करा रही है पुष्प वर्षा*
*प्रत्येक सोमवार को काशी विश्वनाथ के अलग अलग स्वरूपों का दर्शन कर रहे श्रद्धालु*
बिहार न्यूज़ लाईव वाराणसी डेस्क: वाराणसी। कांवड़ियों और भोले के भक्तों के लिए न केवल रेड कारपेट बिछाकर पुष्प वर्षा की रही है। बल्कि उनकी सुविधा और सुगम दर्शन का पूरा ध्यान भी प्रशासन रख रही है। सोमवार को सावन माह का चौथा सोमवार है। इसे लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पिछले सोमवार को तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रीकाशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग का दर्शन किया था। चौथे सोमवार पर भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
इसके साथ ही मंदिर ट्रस्ट की ओर से काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के रुद्राक्ष श्रृंगार की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। महादेव के भक्त बाबा के इस अलौकिक स्वरूप का दर्शन पाएंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रावण माह के हर सोमवार को देवाधिदेव महादेव के अलग-अलग स्वरूप का शृंगार किया जा रहा है। इस वर्ष सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। बाबा हर सोमवार को अपने अलग-अलग स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं।
औघड़दानी का सबसे प्रिय महीना श्रावण माह माना जाता है। श्रावण माह के सोमवार को बाबा के दर्शन का विशेष फल व पुण्य मिलता है। अबतक देवाधिदेव महादेव बाबा विश्वनाथ के तीन स्वरूपों में दर्शन पाकर भक्तों निहाल हो चुके हैं। शिव भक्त सावन के चौथे सोमवार को बाबा के विशेष स्वरूप का दर्शन कर पाएंगे। चौथे सोमवार को देवाधिदेव महादेव का श्रृंगार रुद्राक्ष से किया जाएगा। इससे पहले श्रावण माह में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पिछले तीन सोमवार को बाबा विश्वनाथ का अलग अलग ढंग से श्रृंगार हो चुका है। पहले सोमवार को चल प्रतिमा स्वरूप, दूसरे सोमवार को गौरी शंकर (शंकर-पार्वती) स्वरूप, तीसरे सोमवार को अर्धनारीश्वर स्वरूप में श्रृंगार हो चुका है। वहीं श्रावण के पांचवें व अंतिम सोमवार 19 अगस्त को बाबा का शंकर, पार्वती, गणेश श्रृंगार एवं श्रावण पूर्णिमा पर वार्षिक झूला श्रृंगार होगा। उल्लेखनीय है कि सावन माह में काशी आने वाले शिवभक्तों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
वहीं गंगा के जलस्तर के बढ़ने से विश्वनाथ धाम पहुंचने के चार में से तीन द्वारों से प्रवेश संभव नहीं है। इसके बाद चौथे प्रवेश द्वार पर सोमवार को ज्यादा भीड़ होने की संभावना है। इसे लेकर मंदिर प्रशासन के साथ ही जिला और पुलिस प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप से परख लिया है।
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