16 वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित
कृषि विज्ञान केंद्र के परिसर में हुई बैठक।
जिला संवाददाता रंजीत कुमार
बिहार न्यूज़ लाइव मधेपुरा डेस्क मधेपुरा: वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 16 वीं बैठक शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र के परिसर में हुई। बैठक का शुभारंभ अटारी के निदेशक डा. अंजनी कुमार, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के सहायक निदेशक डा. आरएन सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी पूनम कुमारी एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डा. सुरेंद्र चौरसिया ने संयुक्त रूप से किया। बैठक में अटारी के निदेशक डा. अंजनी कुमार ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों को जागरूक करने के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक कार्यक्रम तय कर लिया गया है। खासकर फल व सब्जी उत्पादन अब विशेष जोर दिए जाने की जरूरत है। जिसे कृषि विज्ञान केंद्र के आगामी
कार्यक्रम में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि अब कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक
किसानों को पोषण वाटिका को लेकर विशेष तौर पर प्रेरित करें। जिससे किसानों को
सालों भर की आर्गेनिक सब्जी अपने ही घर में मिले। उन्होंने कहा कि घर के आसपास थोड़ी सी भी जमीन रहने पर उसमें निश्चित रूप से पोषण वाटिका यानि किचन गार्डन बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करने की जरूरत है। पोषण वाटिका में लगी सब्जियां कीटनाशक रहित यानि पूरी तरह जैविक होती। इससे लोग कुपोषण से मुक्त व सेहतमंद होंगे। डा. अंजनी कुमार ने कहा कि शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार का लंबे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं।
पोषक तत्वों से भरा है श्री अन्न : वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के सहायक निदेशक डा. आरएन सिंह ने कहा कि अब लोगों
सेहतमंद रहने के लिए चावल गेहूं को छोड़ कर श्री अन्न का सेवन करना चाहिए। श्री अन्न पोषक तत्वों से भरा मिलेट है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाजों को श्री अन्न का दर्जा दिया गया है। पुराने समय में यह अनाज लोगों के खानपान का प्रमुख हिस्सा था। लेकिन समय के साथ इसकी जगह गेहूं, चावल जैसे अनाजों ने ले ली। ऐसे में मोटे अनाजों के उत्पादन पर भी असर पड़ा। लोगों की थाली में एक बार फिर पोषक तत्वों से भरे अनाज को वापस लाने के लिए सरकार ने श्री अन्न के सेवन पर जारे दे रही है। मोटे अनाज में
प्रोटीन, डायट्री फाइबर, विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक, पोटेशियम, कॉपर और सेलेनियम जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
बैठक में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. आरपी शर्मा,डा. सुनील कुमार,राहुल कुमार वर्मा,डा. आभा कुमारी, प्रगतिशील किसान रविन्द्र कुमार, चंदन कुमार सहित कई मौजूद थे।
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