बिहार न्यूज़ लाइव अररिया डेस्क अररिया। जिले के भरगामा प्रखंड के विषहरिया पंचायत में बने आरटीपीएस काउंटर अपने उद्देश्य से पूरी तरह भटक गया है। बताया जाता है,कि इस पंचायत में बने आरटीपीएस काउंटर अनुपयोगी हो गए हैं। आलम यह है,कि इस भवन को देखकर कहीं से भी उसे पंचायत भवन या फिर आरटीपीएस भवन नहीं कहा जा सकता। बताया जाता है,कि इस भवन पर कुछ लिखा हुआ भी नहीं है की लोग उस भवन का उपयोग व उस भवन में होने वाले कार्य को समझ सकेंगे। भवन को देखने पर ऐसा लगता है,कि इस भवन का रंगरोगन भी काफी दिनों से नहीं हुआ है। भवन को देखकर सहसा विश्वास नहीं होगा कि वास्तव में इसमें कभी आरटीपीएस चलता भी होगा। इस संबंध में स्थानीय सरपंच आजम अनवर ने पूछने पर बताया कि भवन में कोई काम नहीं होता है खासकर आरटीपीएस काउंटर का ताला कभी भी नहीं खुलता है। जिस कारण विषहरिया पंचायत के छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों को जाति,आय,निवास आदि बनाने के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। वहीं अपना अधिकार पार्टी के असलम बेग ने कहा कि प्रखंड क्षेत्र के किसी भी पंचायत भवन में आरटीपीएस काउंटर की खिड़की नहीं खुल रही है। जाति,आवासीय,आय व अन्य प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ग्रामीणों को प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है। बताया जाता है,कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अपने हीं पंचायत में विभिन्न आवेदनों को जमा करवाने की सुविधा दी है। लोगों को पंचायत स्तर पर हीं विभिन्न प्रमाणपत्र उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी की गई है। इसके लिए प्रत्येक पंचायत भवन में आरटीपीएस कांउटर खोला गया। परन्तु धरातल पर आरटीपीएस काउंटर नहीं खुलता है। इसके कारण लोगों को पहले की तरह हीं विभिन्न प्रमाणपत्र बनवाने के लिए व आवेदन जमा करने के लिए प्रखंड कार्यालय जाना पड़ रहा है।
अब लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है,कि जब सभी पंचायत में आरटीपीएस काउंटर खोलने के लिए प्रखंड व अनुमंडल से लेकर जिला हीं नहीं बल्कि पटना के भी बड़े-बड़े अधिकारी सहित मंत्री का भी स्पष्ट निर्देश है कि सभी कार्यपालक सहित सभी पंचायत स्तरीय कर्मी तय समय सीमा के अनुसार अपने-अपने कार्यालय में बैठे और लोगों की समस्या को सुनकर उसका समाधान करें,लेकिन फिलहाल सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर बता दें,कि सिर्फ विषहरिया पंचायत हीं नहीं बल्कि प्रखंड के हरिपुरकला,नया भरगामा,धनेश्वरी,वीरनगर पश्चिम,रघुनाथपुर दक्षिण,वीरनगर पूरब,खजूरी,सिमरबनी,जयनगर,सिरसिया हनुमानगंज,आदिरामपुर,भरगामा,पैकपार,रघुनाथपुर उत्तर,सिरसिया कला,कुसमौल पंचायत में भी आरटीपीएस काउंटर की सुविधा लोगों को नहीं मिल रही है। वहीं शंकरपुर,खुटहा बैजनाथपुर एवं मानुल्लाहपट्टी पंचायत सरकार भवन के बगल में बने आरटीपीएस काउंटर की भी स्थिति ठीक नहीं है।
इस पंचायत में पदस्थापित कार्यपालक सहायक अगर कभी-कभार कुछ समय के लिए पंचायत कार्यालय आती भी है तो वे अपने आरटीपीएस काउंटर कार्यालय में नहीं बैठती है। क्योंकि उनके आरटीपीएस काउंटर कार्यालय में कचरा का अंबार लगा हुआ है। जिस कारण उन्हें पंचायत सरकार भवन के किसी कोने में बैठकर समय गुजारना पड़ रहा है। वहीं अगर आप इन पंचायतों में पदस्थापित अन्य कर्मी से भी किसी भी काम के सिलसिले में मिलना चाहेंगे तो वे संयोग से हीं आपको मिलेंगे,क्योंकि इन सभी पंचायतों में पदस्थापित कर्मी बड़ी मुश्किल से पंचायत आते हैं। .
अब सवाल ये उठता है कि या तो इस 20 पंचायत में पदस्थापित कर्मियों के ऊपर वरीय अधिकारियों का शासन फेल है। या नहीं तो फिर इन तमाम कर्मियों सहित अधिकारियों की मिलीभगत के कारण हीं ग्रामीणों को उल्लू बनाकर बड़े-बड़े अधिकारियों सहित मंत्रियों तक धरातल पर नहीं बल्कि कागज पर सब ठीके है,कहीं भी कुछ गड़बर नहीं है यानी कि प्रखंड प्रशासन के काला चश्मा के नजर में और उनके कागजी रिपोर्ट में सबकुछ ठीके-ठाक चल रहा है,लेकिन धरातल पर ग्रामीणों की नजर में कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। ऐसा हम नहीं कहते ऐसा स्थानीय ग्रामीणों का कहना है।
वहीं इस संंबंध में जब विषहरिया पंचायत की कार्यपालक सहायक यशी कर्ण से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बीडीओ साहब के आदेशानुसार प्रखंड कार्यालय में हीं बैठना पड़ रहा है। जिस कारण पंचायत कार्यालय के आरटीपीएस कांउटर में बैठने का समय नहीं मिल रहा है। लेकिन समय निकालकर कभी-कभी पंचायत भी जाते हैं। वहीं इस संंबंध में अधिक जानकारी के लिए बीडीओ के दूरभाष यंत्र पर संपर्क किया गया,लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
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