सीवान । स्वक्षता सर्वेक्षण मे बेहतर साफ सफाई के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाले सिवान नगरपालिका को इमदिनों अपने आप पर शर्म आ रही होगी। सीवान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी , सभापति, उपसभापति, पार्षद और एनजीओ के आपसी खींचतान , कमिशन का खेल और वर्चस्व की लड़ाई ने सीवान नगर पालिका को नरक पालिका मे तब्दील कर दिया है। गली मोहल्ले चौक चौराहें और सभी प्रमुख सड़के कूड़े के अम्बार से पटे पड़े है। सड़ान्ध और बदबू ने लोगो का जीना हराम कर दिया है।
एनजीओ से कचड़ा उठाव कराने से लेकर एनजीओ द्वारा टैक्स वसूली कराने के विरोध मे कई पार्षद लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे वही सफाई कर्मचारी भी न तो कूड़े का उठाव कर रहे न एनजीओ को करने दे रहे।
नगर परिषद के सभापति बदले, उप सभपति बदले, उनके चुने जाने का तरीका बदला, कई कार्यपालक पदाधिकारी बदले , कई पार्षद बदल गये लेकिन नही बदला तो बस सीवान शहर की तस्वीर। पिछले कुछ समय मे कई दिनों से कूड़ा उठाव न होना अब शहर को महामारी की ओर ले जा रहा। जनता हताश परेशान नगरपालिका को कोस रही है। हद तो ये है कि विधान सभा अध्य्क्ष स्थानीय विधायक है। प्रशासन से लेकर न्यायपलिका तक के सभी पदाधिकारी शहर मे है। सांसद विधायक विधान पार्षद सब के सब मुह नाक कान बंद करके गाड़ियों के शिशें चढ़ा कर घूम रहे लेकिन इस स्थिति को बदलने का प्रयास करते नही दिख रहे ।
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