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सुहानी शाह एंकर श्वेता सिंह के बचपन का खोला राज

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बिहार न्यूज़ लाइव /धीरेंद्र शास्त्री जिस स्कूल में पढ़ते हैं उस स्कूल के प्रिंसिपल मिल गई आपके सोचने से पहले लिख देती है आपके मोबाइल का पासवर्ड तक जान जाती है एंकर श्वेता सिंह के बचपन का नाम बिना कहे खोल देती है रूबी लियाकत मन में कौन सा गाना गुनगुनाती है उसे सब पता होता है वह दिल्ली में बैठकर अयोध्या पहुंच जाती है!

 

महंत जी की कुंडली मिनटों में बताती है कौन है वह 33 साल की महिला माइंड रीडर जो है धीरेंद्र शास्त्री से भी बड़ी जादूगर पर्चे लिखने वाले सीजन में अबकी बार बाबा नहीं एक बेटी की चर्चा सबसे ज्यादा है मतलब यह समझ लीजिए राहुल पीएम कब बनेंगे… बनेंगे कि नहीं.. मोदी 24 में जीतेंगे या नहीं.. राहुल की शादी होगी तो कब होगी यह सारा जवाब कोई जाने या ना जाने सुहानी शाह जान सकती हैं कौन है यह सुहानी शाह जो धीरेंद्र शास्त्री के तरह 3 दिनों से टीवी पर छाई हुई है आपके मन में जो गाना चल रहा होता है उस बोल का पता पहले ही लगा लेती हैं

 

आप किसके बारे में सोच रहे हैं सुहानी सबसे पहले पता लगा लेते हैं कि आप किसके बारे में सोच रहे हैं मन की बात, सवाल ,जवाब हर चीज 33 साल की सुहानी सिर्फ 10 सेकंड में लिख देती है सुहानी क्या कर सकती है इसका परफेक्ट एग्जांपल है आज तक की एंकर श्वेता सिंह…… सुहानी शाह मुंबई में अपने घर पर बैठे हुई थी श्वेता सिंह नोएडा के अपने स्टूडियो में बैठे हुए थे सुहानी ने कहा श्वेता अपने बचपन के दोस्त का नाम सोचिए स्वेता सिंह के बताने से पहले एक स्लेट पर उनके दोस्त का नाम लिख दिया श्वेता ने नाम बताया और उसका नाम निकला दिव्या वह ठीक वही नाम था जो सुहानी ने उनके बताने से पहले स्लेट पर लिख डाला था| एबीपी न्यूज़ पर एक महंत जुड़े थे राजू दास जुड़े थे एंकर रुबिका से एक दर्शक ने पूछा राजू दास से पूछिए वह संत कब बने फिर सुहानी ने राजू दास से कहा आप मन में वह साल सोचिए महंत के बताने से पहले सुहानी ने वाह साल को स्लेट पर लिख डाला था वह साल था 1994. महंत से रुबिका लियाकत ने पूछा महंत जी वह साल कौन सा था जब आप संत बने जवाब आया 1994 सुहानी यहां भी सही थी वीरेंद्र शास्त्री बिना बताए मन की बात पर्चे पर लिख देते हैं ठीक उसी तरह सुहानी शाह भी बिना बताए आपके मन में क्या चल रहा है वह जान जाती हैं और वह लिख देती हैं सुहानी शाह के पास जो आदमी फोन का पासवर्ड सोचता है वह उसे भी पता लगा लेती है सुहानी दावा करती है कि यह कोई चमत्कार नहीं है ना ही कोई जादू टोना है और ना ही कोई टोटका है बस यह सिर्फ एक कला है सुहानी शाह का जन्म 29 जनवरी 1990 में राजस्थान के उदयपुर में हुआ था सुहानी को बचपन में इस कला के लिए बहुत ताने सुनने पड़े पहली स्टैंडर्ड के बाद सुहानी ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया| घरवालों को आस पड़ोस के लोग आकर कहते थे अपनी बेटी को कंट्रोल में रखो काला जादू टोना करने लगी है लेकिन सुहानी शाह को उनके घर वालों से हमेशा सपोर्ट मिला और आखिरकार वह जो करना चाहती थी उसी फील्ड में आगे बढ़ने लगी सिर्फ आस-पड़ोस के मिलने वाले लोगों के ताने से एक दिन सुहानी का परिवार उदयपुर से गुजरात जाकर शिफ्ट हो गया पिता जी फिटनेस ट्रेनर है और उनकी माताजी हाउस वाइफ है गुजरात में ही पहली क्लास तक की पढ़ाई लिखाई हुई वहीं पर उन्होंने इस कला पर महारत हासिल की

.. 35 साल की उम्र तक सुहानी ने 5 हजार से भी ज्यादा देशभर में स्टेज शो किए वह यह दावा भी करती हैं धीरेंद्र शास्त्री जितना कर सकते हैं उससे ज्यादा एक कलाकार जानता है सुहानी जब 7 साल की थी तभी उसने जादू दिखाने वाला स्टेज शो शुरू कर दिया बड़ी होकर सुहानी ने गोवा में सुहानी माइंड केयर के नाम से एक क्लीनिक खोला दीया करीब 9 साल तक क्लीनिक हिप्नोथेरेपिस्ट बनकर सुहानी ने अपना क्लीनिक चलाया ताजुब इस बात पर है कि सुहानी अगर बाबा की तरह भगवा चोली पहन लेती , टीका लगा लेती ,टोपी पहन लेती ,तो वह भी आज एक बड़ी बाबा होती सुहानी अगर खुद को धीरेंद्र शास्त्री की तरह एक जादूगर बना लेते तो शायद धीरेंद्र शास्त्री के तरह बैठकर लोगों का इलाज करती यानी सुहानी के हिसाब से धीरेंद्र शास्त्री जो करते हैं वह कोई चमत्कार नहीं है बल्कि एक हाथ की सफाई है शास्त्री पर समाज के बहुत बड़े वर्ग के आस्था है बहुत से लोग ऐसे जो सुहानी के बात से इत्तेफाक रख रहे हैं मतलब विज्ञान और चमत्कार के बीच एक तकरार की हालात पैदा हो गए हैं इन दोनों में आप किसके साथ हैं हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं

 

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