पुलिस प्रशासन दिखी सक्रिय, घाटों पर दिखा आस्था और विश्वास का नजारा
बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: छपरा। सोमवार को उगते सूर्य के अध्यर्ग के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का संपन्न हो गया। नहाय- खाय के साथ चार दिवसीय निर्जला व्रत गुरुवार से शुरू हुआ था। बतादें कि बिहार वासियों का आस्था का प्रतीक छठ पूजा बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
इस त्यौहार का बड़ा ही महत्व, आस्था और विश्वास है , यही कारण है कि इस त्यौहार में देश-विदेश में रहने वाले परिजन भी अपने घर परिवार के साथ छठ मानते हैं। ऐसी मान्यता और विश्वास है कि छठ महापर्व, कुशलता, दीर्घायु, स्वास्थ्य लाभ सहित लोगों की मुराद छठी मैया पूरी करती है, लोगों की आस्था से जुड़ी से होने के दृष्टिकोण से भी छठ पूजा की अहमियत और बढ़ जाती है। छठ महापर्व को शांति पूर्वक संपन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन भी एक सप्ताह पहले से ही घाटों की साफ- सफाई और आने -जाने वाले मार्गों में लाईट की व्यवस्था आदि में जुटी रही। स्थानीय स्तर पर भी युवा भी छठ घाटों की साफ – सफाई में जुटे रहे। वहीं नगर निगम द्वारा भी इस बार छठ पूजा को लेकर सक्रिय दिखी, छठ घाटों पर आने – जाने वाले मार्गों पर सफाई की विशेष व्यवस्था रही।.
पुलिस प्रशासन भी छठ पर्व को लेकर पूरी तरह मुस्तैद रही, प्रशासन द्वारा चिन्हित सभी घाटों पर महिला एवं पुरुष बल तैनात दिखे। शहर के लगभग दो दर्जन से अधिक चिन्हित घाटों पर छठ वर्तियों ने रविवार को डूबते सूर्य को अध्यर्ग देकर अपने परिवार की सुख समृद्धि, शांति और खुशहाली के लिए पूजा अर्चना की। जबकि सोमवार को अहले सुबह उगते सूर्य को अध्यर्ग देने के साथ ही छठ महापर्व संपन्न हो गया। विदित हो कि आस्था और विश्वास का प्रतीक इस त्यौहार में देश-विदेश से परिजन आकर अपने पूरे श्रद्धा के साथ छठ पूजा में परिवार के साथ शामिल होते रहे हैं। अब बिहार से बाहर काम करने वाले लोगों की सबसे बड़ी चुनौती जाने की है,.
जिस तरह छठ पूजा में आने के लिए टिकटों की मारा- मारी और रिजर्वेशन मिलना मुश्किल हो रहा था। अब वही स्थिति बिहार से बाहर से जाने वाले लोगों को सामना करना होगा। हालांकि रेल मंत्रालय द्वारा कहने को लेकर यात्रियों के लिए स्पेशल गाड़ियां चलाई जा रही है। इसके बावजूद दिल्ली, हरियाणा पंजाब, गुजरात एवं मुंबई जाने वाले मजदूरों और अन्य यात्रियों को कठिनाइयां का सामना करना पड़ रहा है।
रिजर्वेशन की हालत यह है कि दो-दो महीना तक रिजर्वेशन फूल है, ऐसे में परेशानी होना तो स्वाभाविक है। छठ जैसे महापर्व बिहार वासियों को सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है, आने जाने में लाख परेशानियां झेल कर भी बिहार वासी इस त्यौहार में लोग शामिल होते रहे हैं। फिलहाल छठ महापर्व संपन्न हो गया है और बिहार से बाहर दूर- दराज काम करने वाले लोगों का अब जाने का भी सिलसिला शुरू हो गया है।
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