भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान के निर्णय को लेकर पशोपेश की स्थिति ,भाजपा में हो सकता है चौंकाने वाला निर्णय

Rakesh Gupta

*भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान के निर्णय को लेकर पशोपेश की स्थिति *

* भाजपा में हो सकता है चौंकाने वाला निर्णय

*हर कोई नेता और कार्यकर्ता इस बात के कयास लगा रहा  राजे की स्थिति को लेकर 

* अरूण सिंह का दावा हम दो तिहाई बहुमत लाकर सरकार बनाएंगे

जयपुर/(हरिप्रसाद शर्मा) भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ कठोर निर्णय लेने में सक्षम नहीं हो पा रही है। इसी के चलते केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान के बारे में निर्णय जल्दबाजी में करने की वजह सोच समझकर करने की बात कहीं जा रही है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को लेकर  तो निर्णय कर दिए गए हैं। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश में मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का निर्णय एक साथ करने की कोशिश में जुटा है। इसके लिए बातचीत का दौर उच्च स्तर पर जारी है। परिस्थितियां बिगड़े नहीं इसके लिए समय को टालने की कोशिश की जा रही है।

सवाई माधोपुर के चिंतन शिविर में यह तय किया गया था कि राजस्थान में 4 स्थानों से परिवर्तन यात्रा निकाली जाएगी। इसका नेतृत्व किसको दिया जाए इसको लेकर भी विवाद है। यह बात भी सही है कि 2 सितंबर से परिवर्तन यात्रा शुरू होनी है कोर कमेटी ने प्रारंभिक तौर पर रोड मैप तैयार किया है। लेकिन अभी तक नेतृत्व  देने का फैसला नहीं हो पाया है। राजस्थान में भाजपा का माहौल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन यात्रा के समापन 25 सितंबर को जयपुर के धानकिया दीनदयाल जी की जन्म स्थली पर विशाल जनसभा कराने का निर्णय भी किया जा रहा है। इससे पहले परिवर्तन यात्रा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लाने की तैयारी भी की जा रही है।

कोर कमेटी में यह फैसला किया गया था कि परिवर्तन यात्रा भाजपा 2 सितंबर से उत्तर में गोगा मेडी मंदिर हनुमानगढ़, दक्षिण में बेणेश्वर धाम डूंगरपुर, पूर्व में त्रिनेत्र गणेश मंदिर सवाई माधोपुर और पश्चिम में रामदेवरा जैसलमेर से परिवर्तन यात्रा शुरू की जाए ।  इन परिवर्तन यात्राओं की  जिम्मेदारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रतिपक्ष के उपनेता डॉ. सतीश पूनिया को सौंपने  पर विचार किया जा रहा है ! लेकिन निर्णय नहीं हो पा रहा है।

भाजपा मौजूदा स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि वसुंधरा राजे के भविष्य को लेकर क्या निर्णय किया जाए ,इसको लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पसोपेश की स्थिति में है। हर कोई नेता और कार्यकर्ता इस बात के कयास लगा रहा है कि क्या इस बार वसुंधरा राजे को बाहर रख कर के विधानसभा का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। ऐसे में वसुंधरा राजे अपनी हैसियत को दिखाने की कोशिश में लगी है लेकिन बात नहीं बन पा रही है।

भाजपा  केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा के विधायकों और सांसदों के माध्यम से राजस्थान में भाजपा का माहौल की जानकारी करने के लिए प्रत्येक विधानसभा  क्षेत्र में  उन्हें भेजने का फैसला भी किया है।  इन विधायकों और सांसदों को कहा जा रहा है कि वे उनकी निर्धारित विधानसभा क्षेत्र में जाकर पार्टी की वास्तविक स्थिति जानकारी करें और केंद्रीय नेतृत्व तक ईमानदारी के साथ  उस रिपोर्ट को पहुंचाएं। जिससे कि पार्टी समय रहते उम्मीदवारों की घोषणा कर सकें। मामला पेचीदा है ऐसे में फिलहाल कोई भी बड़ा नेता इस पर बोलने के लिए तैयार नहीं है।

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रभारी अरुण सिंह बार-बार दावा कर रहे हैं कि हम दो तिहाई बहुमत लाकर सरकार बनाएंगे। लेकिन तालमेल के नाम पर वे कुछ बोलने को तैयार नहीं है। प्रदेश में चुनावी गतिविधियां तेज हो रही है निर्णय को भी अधिक समय तक टालने की कोशिश होगी तो पार्टी के लिए विपरीत परिस्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे में कठोर निर्णय किया जाना भी जरूरी है।

चर्चा तो यह भी है कि मौजूदा संगठन प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर मिश्रा के बारे में भी कोई निर्णय किया जाए उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कुछ और लोगों को जिम्मेदारी देने की बात भी हो रही है। भाजपा कार्यालय को कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह चलाई जाने की बात सामने आ रही है। इससे कार्यकर्ता और नेता नाराज है अब चाहे जो भी हो लेकिन केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान को लेकर चिंतित और गंभीर है। इसका असर भविष्य की राजनीति पर निश्चित तौर पर पड़ने वाला है।  यह बात भी सही है कि केंद्रीय नेतृत्व के बाद अब समय कम है निर्णय ज्यादा करने हैं। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व निश्चित तौर पर अब  शीघ्र कोई बड़ा फैसला ले कर सबको चौंका सकता है।

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