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भागलपुर: अद्भुत है रंगरा का दुर्गा मंदिर बीमारी से मुक्ति के लिए हुई थी मूर्ति की स्थापना।

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रंगरा ,भागलपुर, बिहार न्यूज लाईव। रंगरा मैं लगभग 45 वर्ष पुरानी मां भगवती मंदिर अद्भुत शक्तिशाली है ।इस इलाके का सबसे प्राचीन व प्रतिष्ठित दुर्गा मंदिर है ।इस मंदिर में पूजा अर्चना करने निकटवर्ती जिले के आसपास पड़ोसी राज्यों के लोग भी प्रत्येक वर्ष आते हैं ।

 

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मान्यता है कि जिस किसी ने भी रंगरा की मां भगवती का नाम लेकर मन्नते मांगी उनकी मनोकामना एक वर्ष के अंदर अवश्य पूरी हो जाती है। आज तक जिसने भी यहां पर सर झुका कर अपनी विनती मैया को सुनाई है उसकी झोली कभी खाली नहीं रही है ।प्रत्येक वर्ष यहां 100 से अधिक छाग की बलि देने की परंपरा चलती आ रही है ।यहां पर नवमी एवं दसवीं के दिन भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है। जिसे देखने इलाके के हजारों भक्त पहुंचते हैं और मेले का लुफ्त उठाते हैं। ग्रामीणों के द्वारा यह कहा जाता है यहां पर मंदिर प्रवेश करते ही एक अद्भुत शक्ति का एहसास होता है ऐसा लगता है जैसे मैया सच में विराजमान है। और भक्तों को देख रही है। दुर्गा माता की प्रतिमा के साथ-साथ यहां बिसहरी माता, शिवालय, बजरंगबली, संतोषी माता,एवं सरस्वती माता एवं अन्य कई देवताओं के मंदिर भी हैं। जो देखने में एक अलग ही मनमोहक दृश्य दर्शाती है। साथ ही हर उत्सव में मंदिर को सजाकर विधिवत यहां पर पूजा की जाती है।

 

वहीं दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष गौतम सिंह एवं सचिव प्रभाकर ठाकुर ने बताया की गांव में महामारी फैल गई थी तो एक रात गांव के ही महानंद मिश्रा के सपने में भगवती आई और बोली मेरी स्थापना कर पूजा करो तुम्हारे इलाके से महामारी खत्म हो जाएगी। इसके बाद 1978 में अनिरुद्ध ठाकुर और तारा देवी के प्रयास से नवरात्रि शुरू होने से पहले ही लोगों के साथ मिलकर मां भगवती की कलश स्थापना कराई गई ।जिसके लिए जगह चिन्हित किया गया और मैया की प्रथम पूजा कलश स्थापना के साथ शुरू कर दिया गया ।4 वर्ष तक यहां सिर्फ कलश स्थापित कर मैया की पूजा अर्चना किया गया 5वें वर्ष 1983 में पहली बार मैया की प्रतिमा का पूजन प्रारंभ किया गया जो अब तक परंपरा जारी है।

 

इस मंदिर में शास्त्रगत राजसी पूजा विधान की परंपरा है पंडित शंभू नाथ वैदिक आचार्य के द्वारा कई वर्षों से यहां पूजा किया जा रहा है। साथ-साथ यहां पर भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है। माता की महिमा और सभी ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर का विकास लगातार ही होता जा रहा है ।मंदिर के निर्माण रखरखा और पूजा के लिए एक समिति भी है। समिति के अध्यक्ष गौतम कुमार सिंह, सचिव प्रभाकर ठाकुर, शैलेंद्र ठाकुर, बरूण सिंह,निर्मल सिंह ,अतुल सिंह ,ललन सिंह, सुमेश सिंह ,दीपक ठाकुर ,त्रिभुवन ठाकुर एवं सैकड़ो युवाओं के साथ मिलकर समिति अपनी सेवा प्रदान करती है।

 

 

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