पत्रकार बिमल के हत्यारों की जल्द हो गिरफ्तारी : अबोध ठाकुर (प्रदेश अध्यक्ष)
बिहार में प्रशासन और अपराधियों के निशाने पर पत्रकार, दुशासन की सरकार कुंभकरण की नींद से जागे:राकेश कुमार गुप्ता
बिहार सरकार के प्रशासनिक नाकामयाबी से जनता त्रस्त।
एनजेए / बिहार प्रदेश।
नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने बिहार के सभी जिलाध्यक्ष को अररिया के रानीगंज के एक दैनिक अखबार के पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या के विरोध में कैंडल मार्च निकालते हुए जिला स्तर पर एक शिष्ट मंडल के द्वारा बिहार के राज्यपाल को ज्ञापन सोंपने के साथ हत्यारोपी को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।
एनजेए बिहार के अध्यक्ष अबोध ठाकुर ने बिहार सरकार से जल्द पत्रकार के हत्यारों की गिरफ़्तारी की मांग करते हुए, हत्यारों को जल्द सजा दिए जाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि बिहार सरकार इस संबंध में जल्द हत्यारे की एक सप्ताह के अंदर गिरफ्तारी और परिवार को सुरक्षा प्रदान नहीं करती है तो एनजेए पूरे बिहार में जिला मूख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगी ।
इधर नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश के वरीय उपाध्यक्ष सी.के.झा ने कहा कि अररिया के रानीगंज के दैनिक जागरण के पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या उनके घर में सुबह के 5.30 बजे घुसकर अपराधियों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने कहा कि जबसे नीतिश-राजद-2 की सरकार बिहार में आई है हत्या,लूट और मारपीट की घटना बढ़ गई है इससे आम जनता त्रस्त है। श्री झा ने ये भी कहा कि इससे पहले भी मनीष कश्यप को ग़लत ढ़ंग से फंसाए जाने का एक षड्यंत्र की है जिसको न्यायालय से न्याय मिलना तय है। इस तरह का बिहार सरकार द्वारा पत्रकारों के साथ कृत्य किए जाने का एनजेए विरोध करती रहेगी। इन्होंने बिहार सरकार से जल्द अररिया के पत्रकार के हत्यारों को गिरफ्तार करने के साथ परिवार को पारिवारिक लाभ और सुरक्षा देने की भी मांग की है। साथ ही बिना किसी शर्त के सभी प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक्स, पोर्टल, यूट्यूब सहित अन्य पत्रकारों को न्यूज कवरेज करने के दौरान सुरक्षा दिए जाने के साथ बिहार में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किए जाने की भी मांग की है।
वही संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बिहार में अपराधियों के निशाने पर पत्रकार है। दुशासन की सरकार कुंभकरण की नींद से जागे। सत्ता के मद में चूर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के पत्रकारों पर भी कुछ तो रहम करें।
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