Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

पेरिस पैरालिंपिक की सफलता दिव्यांग खेल को नई ऊंचाई पर ले जायेगी: डॉ. शिवाजी कुमार

पेरिस गई भारतीय दिव्यांग टीम के आब्जर्वर डॉक्टर शिवाजी कुमार ने फोन पर वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षाविद् और डिफरेंटली-एबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बिहार के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉक्टर गणेश दत्त पाठक से बातचीत में साझा की खुशी और नई उम्मीदें भी। पेरिस पैरालिंपिक खेलों में भारतीय दिव्यांग खिलाड़ियों द्वारा जीते गए 29 पदक सिर्फ सफलता की कहानी नहीं गढ़ रहे हैं, अपितु एक ऊर्जस्वित भविष्य की रूपरेखा भी सृजित कर रहे हैं । दिव्यांग खिलाड़ियों ने सबका ध्यान खींचा है और दिव्यांग खेलों के उत्थान की नई संभावनाएं सृजित हुई हैं। ये बातें पेरिस पैरालिंपिक में भाग लेने गई भारतीय टीम में बतौर आब्जर्वर शामिल डॉक्टर शिवाजी कुमार ने पेरिस से फोन पर वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर गणेश दत्त पाठक से फोन पर बातचीत में बताया।

209

- sponsored -

पेरिस गई भारतीय दिव्यांग टीम के आब्जर्वर डॉक्टर शिवाजी कुमार ने फोन पर वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षाविद् और डिफरेंटली-एबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बिहार के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉक्टर गणेश दत्त पाठक एवं पूर्वी भारत जोन ,फिजिकल डिसेबिलिटी विंग(डीसीसीआइ) के कॉर्डिनेटर एवं डीसीएबी अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता से बातचीत में साझा की खुशी और नई उम्मीदें भी।

 

पेरिस पैरालिंपिक खेलों में भारतीय दिव्यांग खिलाड़ियों द्वारा जीते गए 29 पदक सिर्फ सफलता की कहानी नहीं गढ़ रहे हैं, अपितु एक ऊर्जस्वित भविष्य की रूपरेखा भी सृजित कर रहे हैं । दिव्यांग खिलाड़ियों ने सबका ध्यान खींचा है और दिव्यांग खेलों के उत्थान की नई संभावनाएं सृजित हुई हैं। ये बातें पेरिस पैरालिंपिक में भाग लेने गई भारतीय टीम में बतौर आब्जर्वर शामिल डॉक्टर शिवाजी कुमार ने पेरिस से फोन पर वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर गणेश दत्त पाठक से फोन पर बातचीत में बताया।

 

डॉक्टर शिवाजी कुमार को बिहार में दिव्यांग खेल के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान के कारण बिहार दिव्यांग खेल का भीष्म पितामह माना जाता रहा है। डॉक्टर शिवाजी कुमार 2021 तक बिहार के स्टेट कमिश्नर ऑफ डिसएबिलिटी रहे हैं। डॉक्टर शिवाजी कुमार ने 1 जनवरी, 2000 को बिहार दिव्यांग खेल अकादमी का गठन कर बिहार में दिव्यांग खेल को बढ़ावा देने का प्रथम प्रयास प्रारंभ किया था। बिहार दिव्यांग खेल अकादमी के मुखिया के तौर पर डॉक्टर शिवाजी कुमार ने तकरीबन 900 दिव्यांग खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए सुविधाएं और प्रशिक्षण मुहैया कराया है। पेरिस पैरालिंपिक में भाग लेने गई भारतीय दिव्यांग टीम के आब्जर्वर के तौर पर डॉक्टर शिवाजी राव गए हैं।

पेरिस से फोन पर बातचीत के क्रम में डॉक्टर शिवाजी कुमार ने बताया कि पेरिस पैरालिंपिक में प्राप्त सफलता से दिव्यांग खिलाड़ियों का उत्साह का बढ़ना एक बेहद सकारात्मक तथ्य है। इस बार टोक्यो पैरालिंपिक से ज्यादा खेलों में हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने शिरकत किया। भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर की सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई थी। पैरालिंपिक कमिटी ऑफ़ इंडिया ने एक एक व्यवस्था को सुनियोजित तरीके से उपलब्ध कराया और हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत करके 29 पदक पर कब्जा जमाया और अब हम इस ऐतिहासिक पल को प्राप्त कर बेहद खुश हैं।

- Sponsored -

पेरिस से फोन पर बातचीत के क्रम में डॉक्टर शिवाजी कुमार ने बताया कि दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए संसाधनों की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती रही है। गांवों में प्रतिभाएं उपलब्ध हैं लेकिन जानकारी के अभाव के कारण वे सामने नहीं आ पाती हैं। हालांकि हालिया दिनों में भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा इस संदर्भ में प्रभावी पहल किया गया है। दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए आर्थिक सुरक्षा भी बड़ा मसला है। साथ ही, इस बार की पेरिस पैरालिंपिक की सफलता से सबका ध्यान दिव्यांग खेलों की तरफ गया है। ऐसे में उम्मीद है कि निकट भविष्य में दिव्यांग खेलों के उत्थान को प्रोत्साहन मिलेगा।

 

पूर्वी भारत जोन ,फिजिकल डिसेबिलिटी विंग(डीसीसीआइ) के कॉर्डिनेटर एवं डीसीएबी अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता, पेरिस से फोन पर बातचीत के क्रम में डॉक्टर शिवाजी कुमार ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट के दौर में सहजता से संवाद हो रहा है। इससे दिव्यांग खिलाड़ी खेल की कुछ सामान्य बातों यथा वेट, हाइट, बॉडी इंडेक्स आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। दिव्यांग खेलों के उत्थान से संबंधित संस्थाओं से जुड़ सकते हैं।

 

पेरिस से फोन पर बातचीत के क्रम में डॉक्टर शिवाजी कुमार ने बताया कि पेरिस पैरालिंपिक में बिहार के दिव्यांग खिलाड़ी जमुई के शैलेश कुमार और मुज्जफरपुर के शरद कुमार ने हाई जंप में रजत पदक जीतकर बिहार के गौरव को बढ़ाया है। बिहार के अन्य दिव्यांग खिलाड़ी भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताया कि लॉस एंजिलिस में 2028 में होनेवाले पैरालिंपिक में बिहार और भारत के दिव्यांग खिलाड़ी नया इतिहास रचेंगे।

(लेखक डॉक्टर गणेश दत्त पाठक वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षाविद् और डिफरेंटली-एबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बिहार के जनसंपर्क पदाधिकारी हैं। साथ ही लेखक राकेश कुमार गुप्ता संजना भारती अखबार के  खेल संपादक एवं फिजिकल डिसेबिलिटी क्रिकेट के पूर्वी भारत के जोनल कोऑर्डिनेटर सह डिफरेंटली-एबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष हैं )

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- sponsored -

- sponsored -

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More