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मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट ने दिया जोर का झटका !

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बिहार न्यूज़ लाइव / मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट ने दिया जोर का झटका. जी हां जैसा की हम जानते हैं कि मनीष कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत और सभी मामलों को एक जगह पर करने की गुहार लगाई थी.

 

लेकिन इन सबके बीच तमिलनाडु पुलिस ने मनीष कश्यप पर NSA लगा दिया जिसकी वजह से उसकी जेल से रिहाई थोड़ी सी मुश्किल नजर आ रही है. ऐसे में मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से काफी ज्यादा उम्मीदें थी लेकिन फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली है.

 

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दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मनीष कश्यप के वकील ने बताया कि मामला तमिलनाडु में बिहार के कामगारों पर हिंसा से जुड़ा हुआ है. इस पर जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सवाल किया कि आप क्या राहत चाहते हैं? एडवोकेट ने कहा कि उनके मुवक्किल पर एनएसए लगा दिया गया है. वहीं मनीष कश्यप के वकील ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ से मांग की कि वे पुलिस को निर्देश दें कि वह अपना हाथ दूर रखे. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम बल पूर्वक कार्रवाई नहीं करने का आदेश देंगे. जिस पर सीनियर एडवोकेट हेगड़े ने बताया कि मनीष कश्यप पहले से ही पुलिस की हिरासत में हैं. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस स्थिति में हम बलपूर्वक कार्रवाई से नहीं रोक सकते हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने अभी तक मामले के पेपर नहीं देखे हैं….ऐसे में 10 तारीख को मामला सुनेंगे.

 

यानी कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मनीष कश्यप और कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया है और इस मामले में अब 10 तारीख को सुनवाई होगी. दरअसल, मनीष कश्यप को तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले के फर्जी वीडियो का प्रसार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने पेश किया गया. बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े, अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी के साथ तमिलनाडु राज्य की तरफ से न्यायालय में उपस्थित हुए.

 

जहां याचिकाकर्ता के वकील ने कुछ अंतरिम राहत के लिए अदालत से आग्रह किया, तो हेगड़े ने कहा कि कश्यप न्यायिक आदेश से हिरासत में हैं और यह अवैध हिरासत का मामला नहीं है. पीठ ने कहा कि अगर वह हिरासत में है तो हम अंतरिम राहत कैसे दे सकते हैं. पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई 10 अप्रैल को होगी. इस तरह मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से कोई भी राहत पाने के लिए कम से कम 10 अप्रैल तक का इंतजार करना होगा.

 

 

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