पुष्कर तीर्थ में कथा से जीवन मे भय नही रहता -आचार्य माणक शास्त्री
*कृष्ण नाम संकीर्तन से ही जीवन का कल्याण
*प्रातः काल निकली हरि कीर्तन के साथ भक्तो की प्रभात फेरी
बिहार न्यूज़ लाइव अजमेर डेस्क: पुष्कर अजमेर/(हरिप्रसाद शर्मा) तीर्थराज पुष्कर में पारीक आश्रम में श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का बखान किया गया।कथावाचक आचार्य माणक शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्यकाल की बाल लीलाओं के द्वारा आम जन को सन्देश देने का कार्य किया है। कलयुग में श्रीकृष्ण नाम का संकीर्तन से ही जीवन का कल्याण हो जाता है।
कथा में 56 भोग की झांकी सजाई गई। गोवर्धन पर्वत का पूजन किया गया।.
कथावाचक शास्त्री ने व्यासपीठ से अपने सम्बोधन में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति को अपने ह्रदय में बैठा कर हर प्राणी अपने ह्दय से राग,द्वेष, क्लेश, को मिटाकर मानव सेवा के पुनीत कार्य करता रहे ।
शास्त्री ने श्रोताओं से कहा कि ब्रह्मा नगरी पुष्कर तीर्थ का अंतरिक्ष तीर्थ है ।श्रावण अधिक मास जैसे पुण्य मास में श्रीमद्भागवत कथा का ज्ञान यज्ञ करवाने से व्यक्ति के पाप क्षय होते हैं,जीवन मे किसी प्रकार भय नही रहता।
कथा से पूर्व प्रातः काल पुष्कर सरोवर परिक्रमा ओर मंदिर दर्शन प्रभात फेरी निकाली गई ।जिसमें भक्तो ने भजनो ओर गीतों के साथ नृत्य करते हुए तीर्थ परिक्रमा की।
कथा का श्रवण तिवाड़ी परिवार के राजेंद्र तिवाड़ी, महेश तिवाड़ी,रामावतार तिवाड़ी, पार्षद कमल रामावत, बाल कृष्ण जोशी, रमेश जोशी,नवनीत जोशी, नेहरू पंडित इत्यादि भक्त ने किया।
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