Bihar News Live
News, Politics, Crime, Read latest news from Bihar

सारण: मिड डे मिल से 23 बच्चों की मौत की 11वीं बरसी आज

40

- sponsored -

 

मिड डे मिल से 23 बच्चों की मौत की 11वीं बरसी आज

मशरक के गंडामन में होगी श्रद्धांजलि सभा।

11 वर्ष बाद भी घटना स्थल सामुदायिक भवन बेहाल

फ़ोटो

- Sponsored -

बिहार न्यूज़ लाईव सारण डेस्क: मशरक

मशरक थाना क्षेत्र के धर्मासती गंडामन गांव के प्राथमिक विद्यालय में 11 वर्ष पूर्व जहरीले सरकारी निवाले से मरे 23 बच्चों को उनके परिजन एवम सहपाठी के साथ आसपास के लोग आज भी भुला नही पाए है। 16 जुलाई 2013 के इस घटना में बचे बच्चो के परिजन आज भी इतने सहमे हुए है कि अपने बच्चो को सरकारी निवाले से दूर रखते है। हर वर्ष 16 जुलाई को इन मासूमों के स्मारक स्थल पर श्रद्धांजली सभा का आयोजन इनके परिजन करते है। शिक्षा विभाग के अधिकारी के साथ स्थानीय प्रशासन अपने समय के अनुसार पहुंच पुष्प अर्पित कर सहनुभूति जताते है।
परंतु परिजन बताते है कि सरकारी सिस्टम के शिकार इन मासूमों की आत्मा को अभी तक शांति नही मिल पाया । घटना के बाद राज्य सरकार ने इस गांव को गोद लिया किंतु आज तक शिक्षा , चिकित्सा का समुचित विकास नही हो पाया। सबकुछ राम भरोसे चल रहा है। प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक तीन विद्यालय एक ही प्रधानाध्यापक के जिम्मे , जिस प्राथमिक विद्यालय सामुदायिक भवन में घटना घटी वो भवन आज भी डरावना दिखता है । एक कमरे वाले इस भवन की स्थिति जस की तस है।उसे 9 वर्ष तक स्थाई शिक्षक नही मिले बीपीएससी की बहाली में पिछले वर्ष दो शिक्षक आए पर शैक्षिक माहौल बनना अभी बाकी है। जहा 23 बच्चो की मौत मिड डे मील खाने से हो गई थी, जबकि 25 से ज्यादा बच्चे जिंदगी और मौत की लड़ाई में विजय प्राप्त कर वापस लौट आए थे। 16 जुलाई 2024 दिन मंगलवार को 23 बच्चों की 11 वीं बरसी मनाई जाएंगी। 16 जुलाई 2013 को हुई. इस घटना में कई घरों के चिराग असमय बुझ गए थे।
मंगलवार 16 जुलाई को इस घटना की 11 वीं बरसी पर बच्चों के स्मारक पर एक बार फिर सभी एकत्रित होंगे और फूल-माला चढ़ाकर हवन पूजन कर अब कभी नहीं लौटने वाले अपने लाडले को प्यार-दुलार देकर श्रद्धांजलि देगे

*16 जुलाई 2023 को क्या हुआ था?*

आपको बता दें कि 16 जुलाई 2013 को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे मासूम बच्चे खाना मिलने का इंतजार कर रहे थे। रसोइया ने एक बच्चे को स्कूल की प्रधान शिक्षिका के घर से सरसों तेल लाने को भेजा. सरसों तेल के डिब्बे के पास ही छिड़काव के लिए तैयार कीटनाशक रखा था।बच्चे ने तेल के बदले कीटनाशक का घोल लाकर दे दिया, जो बिल्कुल सरसों तेल जैसा ही था. रसोइया जब सोयाबीन तलने लगी तो उसमें से झाग निकलने लगा.

 

उसने इसकी शिकायत एचएम से की। किंतु एच एम ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उसके बाद जब खाना बनकर तैयार हो गया और बच्चों को दिया गया तो बच्चों ने खाने का स्वाद खराब होने की शिकायत की थी. जानकारी के मुताबिक बच्चों की शिकायत को नजरअंदाज करते हुए एच एम ने डांटकर भगा दिया था. कुछ देर बाद ही बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गई. इसके बाद देखते ही देखते 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया. विद्यालय की रसोइया और 25 बच्चे पीएमसीएच में कठिन इलाज के बाद वापस गांव आ पाए थे।

 

 

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- sponsored -

- sponsored -

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More