*45 हजार से ज्यादा गांव होंगे शामिल
(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर/ गांव बंद आंदोलन के तहत ग्रामीण न तो गांव छोड़ेंगे और न ही अपने उत्पादों को बाहर भेजेंगे। खरीदारी के लिए बाहरी लोगों को गांव आना होगा। आपातकालीन स्थितियों को छोड़कर किसी भी प्रकार के यातायात साधनों का उपयोग नहीं किया जाएगा। बताया जाता है कि आंदोलन का उद्देश्य है कि किसानों को अपने उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके और खाद्य वस्तुओं में मिलावट से बचाव हो।
जाट ने बताया कि आंदोलन सत्य, शांति और अहिंसा पर आधारित होगा। यह स्वेच्छा से किया जाएगा और इसमें टकराव की न्यूनतम संभावना होगी। किसान अपने उत्पाद का मूल्य निर्धारण खुद करेंगे। इसके लिए खेत को पानी-फसल को दाम जैसे प्रमुख नारे के साथ जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि जनजागरण का प्रथम चरण 8 दिवसों में 19 जिलों में संपर्क होगा। इनमें भीलवाड़ा, चितौड़गढ़, राजसमंद, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर , सिरोही, पाली, ब्यावर, जयपुर, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़ शामिल हैं। जाट ने कहा कि अगर इसके बावजूद भी सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन को और आगे बढ़ाया जाएगा।