*त्रि पुष्कर योग में कुंभ स्नान का फल
(हरिप्रसाद शर्मा) पुष्कर/ अजमेर/ज्योतिष पंचांग की गणित के अनुसार त्रिपुष्कर नामक योग नव वर्ष सन 2025 में 5 जनवरी सन 2025 को पौष मास शुक्ल पक्ष छठ रविवार को प्रातः 8:16 से रात्रि 8:18 तक कल 12 घंटे का त्रि पुष्कर नामक योग बन रहा है ।
यह जानकारी पंडित कैलाश नाथ दाधीच ने ऐसा वेद शास्त्र पुराण ग्रंथ बताते हैं कि जब यह योग बनता है ।तब तीर्थ में नदियों में समुद्री में ब्रह्म सरोवर में विशेष तौर पर ब्रह्मा सावित्री एवं गायत्री के साथ विष्णु लक्ष्मी के साथ शंकर पार्वती के साथ पुष्कर तीर्थ में विराजमान रहते हैं ।
तीनों नदियां गंगा यमुना और सरस्वती का जल में प्रवाह बनता है ।ऐसे योग में स्नान करने से पुष्कर की परिक्रमा ,दान -पुण्य ,हवन -पूजन करने से पितरों के नाम से पितृ तर्पण मार्जन नारायण बलि पिंड प्रधान आदि कर्म करने से पितरों की मोक्ष गति का बैकुंठ गामी बनते हैं ।इस योग में स्नान करने से कुंभ प्रयागराज का स्नान का फल प्रधान होता है।
ज्योतिष पंचांग गणित यह भी बताती है कि द्वितीय सप्तमी एवं द्वादशी तिथि होने पर रविवार , मंगलवार ,शनिवार एवं नक्षत्र विशाखा उत्तरा फाल्गुनी पूर्वाभाद्रपद पुनर्वसु कृतिका ,उत्तराशादा नक्षत्र यह तीनों योग होने पर तिथि वार नक्षत्र एक साथ होने पर त्रिपुष्कर नामक योग तीर्थराज पुष्कर में बनता है ।संयोग यह है कि सूर्य उत्तरायण में मलमास शिशिर ऋतु कुंभ महापर्व के समय त्रि पुष्कर योग बना है ।तीनों देवता ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों नदियों का गंगा ,जमुना ,सरस्वती एवं तीनों देवियों का ब्रह्माणी, रुद्राणी ,कमला रानी एवं समस्त तीर्थो का पुण्य फल प्राप्त होने का शुभ दिन एवं योग है ।ऐसे शुभ योग जनमानस के लिए जो कुंभ स्नान नहीं कर पाते उन सबके लिए यह श्रेष्ठ शुभ योग है ।
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