*केवड़े और गुलाब जल से महक उठा दरगाह परिसर
बिहार न्यूज़ लाईव अजमेर डेस्क: /(हरिप्रसाद शर्मा)ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स का गुरुवार को छोटे कुल की रस्म के साथ अनौपचारिक रूप से सम्पन्न हो गया। इसी के साथ उर्स के मौके पर खुलने वाले जन्नती दरवाजे को भी बंद कर दिया गया। कुल की रस्म निभाते हुए पूरा आस्ताना शरीफ केवड़ा और गुलाब जल से महक उठा। जायरीनों ने बुधवार रात से ही गुस्ल देना शुरू कर दिया, जो गुरुवार सुबह तक जारी रहा। इस दौरान गरीब नवाज के उर्स में शिरकत करने आए जायरीनों ने गुलाब जल और केवड़े से दरगाह की दीवारों को धोया और उस जल को बोतल में भरकर अपने साथ ले गए।
दरगाह के खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि सुबह आठ बजे आस्ताना शरीफ आम जायरीनों के लिए बंद कर दिया गया और कुल की रस्म के दौरान आस्ताने में केवल खादिमों को ही अंदर रहने की इजाजत मिली। शाही चौकी के कव्वालों के अलावा बाहरी कव्वालों ने भी कलाम पेश किए और दोपहर सवा बजे कुल की रस्म निभाई गई। कुल की रस्म के लिए ख्वाजा साहब के वशंज और दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने आस्ताना शरीफ में प्रवेश किया।
इसी के साथ जन्नती दरवाजे को भी बंद कर दिया गया। इस दौरान बड़े पीर की पहाड़ी से तोप के गोले भी दागे गए। कुल की रस्म के साथ ही जायरीनों के लौटने का सिलसिला भी शुरू हो गया। हालांकि, कल जुम्मे की नमाज अदा की जाएगी और 21 जनवरी को बड़े कुल की रस्म के साथ ख्वाजा गरीब नवाज का सालाना उर्स संपन्न हो जाएगा।
गुरुवार को छठी की रस्म अदा करने के लिए दरगाह व उसके आसपास के इलाकों में हजारों की संख्या में भीड़ देखी गई। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में जायरीन दरगाह में जाने के लिए मशक्कत करते हुए दिखाए दिए। छठी व छोटे कुल की रस्म को देखते हुए अजमेर जिला प्रशासन व पुलिस की ओर से जायरीनों की सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए गए थे।
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