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अजमेर:धार्मिक स्थलों की खुदाई के बहाने देश की सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश

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*हर जगह मंदिर तलाशना गलत

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(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर:इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष और इस्लामिक धर्मगुरु मौलाना तौकीर रजा खान ने अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर जियारत कर देश में अमन और शांति की दुआ मांगी। उन्होंने दरगाह की चौखट चूमते हुए मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश किए। इस दौरान उन्होंने मौजूदा समय में धार्मिक स्थलों की खुदाई और मंदिर तलाशने के विवादों को देश की सांप्रदायिक एकता के लिए हानिकारक बताया।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों की खुदाई के बहाने देश के सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग दरगाह शरीफ तक खुदाई के लिए आ रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि गरीब नवाज की करामात से ये विवाद खत्म हो जाएंगे। उन्होंने हाजी अली दरगाह का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर समुद्र मंथन के प्रमाण खोजने हैं तो वहां भी खुदाई की जानी चाहिए।

मौलाना ने कहा कि वर्शिप एक्ट 1991 के तहत धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखने का प्रावधान है। इस कानून के बावजूद अदालतों में जो याचिकाएं स्वीकार की जा रही हैं, वे गैरकानूनी हैं। उन्होंने इन याचिकाओं को तुरंत खारिज करने और झूठे मुकदमे दायर करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

उन्होंने कहा कि देश की प्रगति खोदने और विवाद बढ़ाने में नहीं, बल्कि भाईचारे और विकास में है। उन्होंने सभी धर्मों और समुदायों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने के बहाने देश को कमजोर करना किसी भी तरह उचित नहीं है।

इस मौक़े पर मौलाना तौकीर रजा ने अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के सम्मान की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा।

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