* बाल श्रम बच्चों का बचपन, स्वास्थ्य और शिक्षा से वंचित करता है – चक्रपाणि

Rakesh Gupta

* बाल श्रम बच्चों का बचपन, स्वास्थ्य और शिक्षा से वंचित करता है – चक्रपाणि

* श्रमिकों की स्थिति अच्छी नहीं तो बाल श्रम पर रोक नहीं लगाया जा सकता – चक्रपाणि  

सीवान जिला परिसदन हॉल में विभागीय समीक्षात्मक बैठक में बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने उपश्रमायुक्त, श्रम अधीक्षक ,शिक्षा विभाग, स्वास्थ विभाग, प्रशासनिक पदाधिकारी एवं संबंधित विभागीय पदाधिकारी गण के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए |

                      बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने दिशा निर्देश देते हुए कहा की 6 से 14 वर्ष के बच्चे से बाल श्रम कराना एवं 14 से 18 वर्ष तक खतरनाक नियोजन में काम लेना कानूनन दंडनीय अपराध है । प्रभावशाली व्यक्ति ईट भट्ठा मालिक ,घर प्रतिष्ठान, दुकान एवं कारखाने में काम करवाते पकड़े गए तो 20 हजार से 50 हजार तक का आर्थिक जुर्माना एवं 2 साल की सजा होती है । श्रमिकों को श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराकर सरकार द्वारा मिलने वाली सभी लाभकारी योजनाओं  का लाभ दिया जाएगा। श्रमिकों की स्थिति जब तक अच्छी नहीं बाल श्रम पर रोक नहीं लगेगा । बाल श्रम एवं खतरनाक नियोजन में लगे बाल श्रमिकों की सूची 3 माह में उपलब्ध कराया जाए । सप्ताह में 2 दिन धावा दल चलाया जाए , विद्यालय एवं आंगनबाड़ी में नामांकित छात्राओं का जांच किया जाए , नामांकित छात्र विद्यालय आंगनबाड़ी केंद्र के अंदर आते हैं या नहीं , अगर नहीं आते हैं इसका सही कारण का पता लगाया जाए ।

 

 

                   विमुक्त बाल श्रमिकों के परिवार को राशि, इंदिरा आवास, राशन कार्ड, मिला या नहीं ? बच्चे विद्यालय जाते हैं या नहीं ? बाल श्रम गरीबी ,बढ़ती आबादी एवं अशिक्षा का कारण है । संविधान में सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देने का मौलिक अधिकार है जिससे वह शिक्षित नागरिक बन सके । गैर खतरनाक नियोजन में लगे बच्चों से 1 दिन में 6 घंटे से अधिक कार्य नहीं लिया जा सकता बच्चों को 2 घंटे की शिक्षा की व्यवस्था नियोजक के खर्च पर  किया जाएगा । बाल श्रम सभ्य समाज के लिए कलंक है । बाल श्रम उन्मूलन हेतु जागरूकता अभियान एवं कार्यशाला, प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभागीय पदाधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि, त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधि राजनीतिक संगठन एवं सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि द्वारा दृढ़ संकल्प के साथ प्रयास किया जाए।  राष्ट्रीय मेला, मेला एवं भीड़ वाली जगह में जन जागरूकता कार्यक्रम के तहत स्टॉल लगाया जाए, आयोग द्वारा प्रकाशित फोल्डर, पंपलेट, हैंडव्हील वितरण किया जाए, मेले में नुक्कड़ नाटक आयोजन एवं बस स्टैंड रेलवे स्टेशन आदि जगह बाल श्रम नहीं हो इसके लिए बैनर पोस्टर लगाया जाए , जिससे बाल श्रम पर रोक लग सके । विमुक्त बाल श्रमिकों के लिए अनिवार्य निशुल्क व्यवसायिक प्रशिक्षण तथा कार्यमुखी  शिक्षा ,कौशल युवा केंद्र से जोड़ा जाएगा व्यवसायिक शिक्षा के उत्तीर्णता प्रमाण पत्र के साथ जॉब दिया जाएगा!सरकारी कर्मचारी बाल श्रम करवाते पकड़े गए तो होगी विभागीय कार्रवाई! साथ ही उन्होंने एक माह में पूरे पंचायत, 2 माह में प्रखंड, 3 माह में अनुमंडल, एवं छह माह में पूरे जिला को बाल श्रम विमुक्त करने का निर्देश दिया |

 

                       

बैठक में नीरज नयन (उपश्रमायुक्त), सुजीत कुमार (श्रम अधीक्षक), भूपेंद्र प्रसाद यादव (उप विकास आयुक्त),  शाहबाज खान (निदेशक डीआरडीए), डॉक्टर अनिल कुमार सिंह (प्रभारी सिविल सर्जन),  मिथिलेश कुमार (जिला शिक्षा पदाधिकारी), विनोद कुमार (पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय) अजय कुमार (जिला नियोजन पदाधिकारी), हिमांशु पांडे, केशव सुमन (सदस्य सीडब्ल्यूसी) अनुभव कुमार, राजीव कुमार मेहता, नेहा राज, किशन देव शाह, उमेश कुमार राय, योगेंद्र प्रसाद, नीलम आकाश, कुमार स्नेह जीत  (श्रम प्रवर्तन पदाधिकारीगन), राजकुमार सिंह (सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई) कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन से अंकिता श्री एवं अन्य श्रम संसाधन विभाग के कर्मी उपस्थित थे।

               

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