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सारण: पूर्ण तरीके से जागरूक होने लगे चित्रांश समाज

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पूर्ण तरीके से जागरूक होने लगे चित्रांश समाज

बदलते राजननीतिक परिवेश ने किया विवश
कई युवा चित्रांशों ने दी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं

बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क: *डॉ. विद्या भूषण श्रीवास्तव*
फोटो01,02,03,04,05,06,07 क्रमश:अभिजीत श्रीवास्तव, डॉ. रवि शंकर दत्ता, मुकुंद मोहन राजू, ब्रजेन्द्र किशोर,प्रिंस राज,राजेश कुमार सिन्हा एवं रूपेश नंदन
छपरा कार्यालय।……आखिरकार,चित्रांश सम्मेलन के बहाने युवा चित्रांशों ने इस तथ्य को चरितार्थ कर ही दिया कि हम भी यानी कायस्थ जाति किसी से कम नहीं है।भले हम राजनीतिक जाति या वोट के अनुरूप नहीं हो मगर किसी भी राजनीतिक चुनाव के समय गुणा भाग करने में कमजोर नहीं है।फलत:अब युवा चित्रांश पूर्ण तरीके से जागरूक हो गए है।अब तो,इस परिवार से जुड़े मठाधीश या बुजुर्ग भी मानने लगे है तथा दबी जुबान से कहने लगे है कि अब इन सभी को रोकना कठिन है।सकारात्मक सोच व एक ईमानदार कोशिश के साथ आगे बढ़ने लगे है।

 

सामाजिक,शैक्षणिक,सांस्कृतिक,साहित्यिक एवं रचनात्मक कार्य के प्रति समर्पण भाव का बोध भी तेजी के साथ कराने लगे है।किसी गरीब चित्रांश की बेटी के पठन -पाठन या उसकी शादी विवाह का प्रश्न हो बढ़-चढ़कर आगे आ रहे है।बेरोजगार युवा चित्रांश का मसला हो उसका भी समाधान कर रहे है। चित्रांश सम्मेलन के तहत सैकड़ो लोगो को विभिन्न विधा क्षेत्र में सम्मानित कर एक नई राह को अपनाकर एकसूत्र में बांधने का भरसक एक कोशिश किया गया था जो आज भी सबों के जुबान पर किसी न किसी रूप में छाया हुआ है। ऐसा मानना है– अभिन्नोवेशन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ,नई दिल्ली के निदेशक एवं युवा चित्रांश अभिजीत श्रीवास्तव का। वे मानते है कि विगत तीन चार माह पूर्व गठित की गई *कायस्थ परिवार* के माध्यम सेसामाजिक एवं रचनात्मक कार्यो की निरंतरता बनी रहनी चाहिए ।इसके लिए पूरे एक वर्ष की योजना बनाकर धरातल पर उतरना होगा तब ही सही तरीके से कामयाब होंगे और पुरानी धारणा स्वत:समाप्त हो जाएगी।हम सभी *उपेक्षा* से *अपेक्षा* में आ जायेंगे।

शहर के सलेमपुर निवासी डॉ. रवि शंकर दत्ता का कहना है कि समाज में संगठित होकर ही किसी समस्या से निजात पा सकते है । इसके लिए हम सभी को भेदभाव से दूर होना पड़ेगा ।सुदृढ योजना व लक्ष्य को प्राथमिकता देनी होगी। वैसे,विगत 03 दिसम्बर को चित्रांश समागम में अपने समाज के बीच एक अच्छा भाव अवश्य देखने को मिला जो सभी युवा चित्रांश बधाई के पात्र है।


छपरा शहर के लाला टोली,छोटा तेलपा निवासी एवं सारण जिला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष एवं चित्रांश मदन मोहन “राजू” ने तो यहाँ तक कह दिया कि आने वाले दिनों में कोई भी लोग इस समाज की उपेक्षा नही कर सकते क्योंकि युवा चित्रांशों ने अपने सम्मेलन के बहाने जो नींव रख दी है वह दिनोदिन प्रगाढ़ व मजबूत होता जाएगा।इस मजबूती व एकजुटता को कोई नजरअंदाज नही कर सकता।जिस व्यक्ति के सोच एवं मार्गदर्शन में इस समागम का स्वरूप परिलक्षित हुआ वह सभी चित्रांशों को सोचने ,समझने एवं चिंता करने पट अवश्य विवश कर दिया है ।कोई माने या न माने ,एक अलग बात है।आज सारे चित्रांश इस समागम से काफी उत्साहित है।उन्होंने कायस्थ परिवार के साथ कार्य करने की अपनी प्रतिबद्धता को एक संकल्प के साथ दोहराते हुए कहा कि वर्तमान माहौल एवं बदलते सामाजिक एवं राजनीतिक परिवेश में इस तरह के आयोजन समय — समय पर होता रहे जो आज की आवश्यकता है। लायंस क्लब से जुड़े
ब्रजेन्द्र किशोर ने माना कि चित्रांश समागम एकता एवं एकजुटता का संदेश देने में काफी सफल रहा।इसके माध्यम से कई रचनात्मक कार्य भी कर सकते है जो स्थायित्व प्रदान करेगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े युवा चित्रांश प्रिंस राज का कहना है कि हम सभी को इस समाज के लिए हर तरीके से तटस्थ रहना होगा ,समय – समय पर मार्गदर्शन एवं नेतृत्व मिल रहेगा।कदम-से-कदम मिलाकर चलने की आवश्यकता है।


चित्रांश समागम में एक संयोजक की भूमिका में उभरे राजेश कुमार सिन्हा उर्फ मिंटू ने माना कि चित्रांश समागम में पंहुची नामी – गिरामी हस्तियां ने अपने संबोधनों के माध्यम से इस समाज को एक सूत्र में स्थायी रूप से जोड़ने के लिए युवा चित्रांशों को एक बहुत बड़ी जिम्मेवारी दे दी है जिसे हम सभी को करना होगा ।


शहर के सिटी गार्डन में हाल ही में सम्पन्न हुई चित्रांश समागम की सफलता का श्रेय अपनी पूरी टीम को मानते हुए समाजसेविका सरिता श्रीवास्तव एवं उनके पुत्र अभिजीत श्रीवास्तव के प्रति श्री सिन्हा ने आभार जताया तथा एक स्वर में कहा कि युवा चित्रांशों के सकारात्मक सोच के सपने को साकर किया जाएगा।इसके लिए फिलवक्त रूपरेखा पर अनौपचारिक चर्चा हो गई है।


शिक्षा व संस्कृति प्रेमी रूपेश नंदन का कहना है कि आज भी चित्रांश परिवार के बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा को निखार रहे है और चित्रांश समागम में इसे चरितार्थ कर एक अमिट छाप छोड़ दिया है जिसे संभालने एवं संवारने की आवश्यकता है।


बहरहाल,हाल के दिनों में चित्रांश सम्मेलन से यह संकेत उभर कर सामने आया है कि अब इस समाज को हाशिये पर नहीं रखा जा सकता।

कुछ माह के अंतराल में छपरा नगर निगम के मेयर का चुनाव आना है जिस कारण अभी से ही कई संभावित प्रत्याशी इस समाज को मापने लगे है ।अगले वर्ष लोक सभा का चुनाव होगा उसके बाद विधान सभा का चुनाव भी आएगा , सभी में इस समाज की क़दर बढ़ेगी ,ऐसा कई राजनीतिक विश्लेषक भी मानने लगे है। आवश्यकता है–सभी चित्रांश संगठनों को एक साथ खड़ा होने की।

 

 

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