बिहार न्यूज़ लाइव / बिहार में कोरोना ने फिर से फैलाया पांव. जी हां दुनिया के कई हिस्सों में इस वक़्त कोरोना के चौथे लहर की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. वहीं अब बिहार में भी कोरोना अपना प्रकोप दिखाने के लिए तैयार नजर आ रहा है. जैसा कि हम जानते हैं कि बीते दिनों कोरोना के कई मामले देखने को मिले थे. हालांकि वे मामले विदेशी यात्रियों से जुड़े हुए थे लेकिन इसकी वजह से बिहार के लोगों के अंदर खौफ देखने को मिल रहा था. वहीं अब पटना एम्स में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला की इलाज के क्रम में मौत हो गई. आशंकित चौथी लहर के बीच कोरोना से प्रदेश में यह पहली मौत है. इस पर एम्स पटना के कोरोना नोडल प्रभारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि 54 वर्षीय संक्रमित महिला कैंसर रोग से ग्रसित थीं.
वे भागलपुर से महावीर कैंसर संस्थान इलाज कराने आई थीं लेकिन जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद महावीर कैंसर संस्थान से 30 दिसंबर को एम्स रेफर किया गया था. एक जनवरी की देरशाम उनकी इलाज के क्रम में मौत हो गई. वर्तमान में जिले में दो और कोरोना संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहकर अपना उपचार करा रहे हैं. अगर स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की बात करें तो उनके अनुसार 21 दिसंबर के बाद से हर दिन कमोवेश 2100 लोगों की कोरोना जांच हो रही है. पिछले 13 दिन में 26 हजार से अधिक लोगों की जांच में जिले में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला है. देखें तो तीनों लहर में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की शुरुआत विदेश या दूसरे ज्यादा प्रभावित राज्यों से आए लोगों से हुई थी. विशेषज्ञों के अनुसार अभी जब प्रदेश में कोरोना के मामले न के बराबर हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग को स्टेशन, एयरपोर्ट या अन्य माध्यम से बाहर से आए लोगों की कोरोना जांच कराने में लगानी चाहिए. यदि कोरोना संक्रमित प्रदेश में खुले घूम नहीं पाएंगे तो चाैथी लहर भी नहीं आएगी. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बाहर से आने वाले हर रोगी तो दूर सभी आशंकितों की जांच को भी जटिल कार्य मान रहे हैं. उनका कहना है कि कोई भी यात्री कोरोना जांच नहीं कराना चाहता है.
यानी कि स्वास्थ्य विभाग के लोगों के लिए भी मौजूदा समय में आने जाने वाले यात्रियों की सख्ती से जांच करना थोड़ा सा मुश्किल हो गया है. इस पर जानकारों का यह कहना है कि अगर सरकार और जनता इस वक्त सावधान नहीं हुए तो फिर आने वाले समय में बिहार के लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए लोगों के लिए यही बेहतर होगा कि वे अभी से ही सावधानी बरतें. अब देखना यह है कि सरकार कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए आगे क्या कदम उठाती है.