डॉ. रश्मि कुमारी ने विषय पर व्यापक रूप से डाला प्रकाश
बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क: छपरा। राजेंद्र कॉलेज एकेडमिक मंडल एवं आई क्यू ए सी के संयुक्त तत्वधान में रसायन शास्त्र विषय के अंतर्गत हुई नई खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को मिले 2023 के नोबेल पुरस्कार पर केंद्रित व्याख्यान का आयोजन राजेंद्र महाविद्यालय के परीक्षा भवन में हुए इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने सभागार में उपस्थित शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम पाठ्यक्रम की पढ़ाई के साथ-साथ सभी विषय में हो रहे नवीन कार्यों से भी विद्यार्थियों को अद्यतन करने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि हमारे विद्यार्थी अपने-अपने विषय क्षेत्र में प्रवीणता हासिल कर हर तरह की प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करें और अपने जीवन को सफल बनाते हुए महाविद्यालय तथा अपने अंचल का भी नाम रोशन करें।
तत्पश्चात विषय विशेषज्ञ वक्ता डॉ. रश्मि कुमारी ने विषय पर व्यापक रूप से प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन किया। उन्होंने क्वांटम डॉट्स के मनोरम क्षेत्र और उनके अभूतपूर्व अनुप्रयोगों के बारे में विस्तार से बताया। क्वांटम डॉट्स, छोटे अर्धचालक कण, प्रौद्योगिकी के गुमनाम नायकों के रूप में सामने आए, जिन्होंने चिकित्सा से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक के क्षेत्रों में अपनी उल्लेखनीय क्षमता का प्रदर्शन किया। स्रोताओं को क्वांटम-स्केल परिदृश्य के माध्यम से यात्रा पर ले जाया गया, जहां ये छोटे चमत्कार अद्वितीय ऑप्टिकल और इलेक्ट्रॉनिक गुणों का प्रदर्शन करते हैं। पिनपॉइंट सटीकता के साथ मेडिकल इमेजिंग में क्रांति लाने से लेकर डिस्प्ले प्रौद्योगिकियों की जीवंतता बढ़ाने तक, क्वांटम डॉट्स बहुमुखी गेम-चेंजर साबित हुए हैं। डॉ. रश्मि ने न केवल क्वांटम डॉट्स की जटिलताओं पर प्रकाश डाला, बल्कि विविध उद्योगों के भविष्य को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका भी रेखांकित की।
इस अवसर पर प्राचार्य के अलावा अकादमिक मंडल के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार, आई क्यू ए सी प्रभारी डॉक्टर रवि प्रकाश नाथ त्रिपाठी, शिक्षक संघ के सचिव डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, सुनील कुमार पांडेय, डॉ. देवेश रंजन, डॉ. इकबाल इमाम डॉ. कन्हैया प्रसाद, डॉ. अर्चना उपाध्याय, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. रमन कुमार, डॉ. दयानंद ठाकुर, डॉ. उपेंद्र कुमार गिरी आदि सहित महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की बहुसंख्यक उपस्थिति रही। वहीं विद्यार्थियों की वृहद उपस्थिति से पूरा सभागार भरा रहा।
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