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जयपुर: राज्य में बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए उच्च न्यायालय ने किए आदेश जारी

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*आदेश मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार एवं सभी जिला मजिस्ट्रेट को प्रेषित-*

बिहार न्यूज़ लाइव जयपुर डेस्क*जयपुर/(हरिप्रसाद शर्मा)माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रदेश में बाल विवाह रोकथाम के लिए आदेश जारी कर बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 प्रभावी होने के बावजूद भी बाल विवाह हो रहे है। पंचायती राज नियम 1996 में बाल विवाह रोकने का दायित्व सरपंच पर है। माननीय न्यायालय ने अंतरिम उपाय के तौर पर यह निर्देश दिए है कि बाल विवाह को रोकने के लिए जाँच के संबंध में रिपोर्ट ली जावे। माननीय न्यायालय के आदेश मुख्य सचिव, सभी जिला मजिस्ट्रेट को प्रेषित करते हुए यह निर्देश दिए है कि उक्त आदेश को पंच, सरपंच तथा अन्य प्राधिकारियों को प्रसारित कर बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम की जाए।

*बाल विवाह की रोकथाम हेतु होगी निरन्तर निगरानी
आदेश के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा बाल विवाह जैसी कुप्रथा की रोकथाम हेतु अक्षय तृतीया (आखातीज) जैसे पर्वों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। अन्य सावों पर भी विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाहों के आयोजन की संभावनाएं रहती हैं। अतः बाल विवाह की रोकथाम हेतु निरन्तर निगरानी रख क्षेत्र में बाल विवाह नहीं होना सुनिश्चित किया जाये।

*व्यापक प्रचार-प्रसार और जनजागृति से बाल विवाह रोकने के होंगे प्रयास
बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर, आम जन को जानकारी कराते हुए जनजागृति उत्पन्न कर, बाल विवाह रोके जाने के लिए कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं

*बाल विवाह की रोकथाम हेतु जन सहभागिता व चेतना जागृत करने की कार्य योजना

जिला व ब्लॉक स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाडी कार्यकर्ता, महिला सुरक्षा सखी, साथिन सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय किया जाये

ऐसे व्यक्ति व समुदाय जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी होते हैं यथा हलवाई, बैण्ड बाजा, पंडित, बाराती, टैंट वाले, ट्रांसपोर्टर इत्यादि से बाल विवाह में सहयोग न करने का आश्वासन लेना और उन्हें कानून की जानकारी देना

विवाह हेतु छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर-वधु के आयु का प्रमाण प्रिन्टिग प्रैस वालो के पास रहे अथवा निमंत्रण पत्र पर वर-वधु की जन्म तारीख प्रिन्ट किये जाने हेतु बल दिया जावे

अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा जैसे अबूझ सावों पर जिला एवं उप खण्ड कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जावें जो 24 घण्टे क्रियाशील रहेगें तथा नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नं. सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जावे

बाल विवाह की रोकथाम हेतु 181 कॉल सेन्टर पर तथा पुलिस नियंत्रण कक्ष के 100 नम्बर पर कॉल कर कभी भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इसका भी व्यापक प्रचार प्रसार किया जावे।

 

 

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