मधेपुरा में 11 सूत्री मांग को लेकर भाकपा कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय पर किया रोषपूर्ण प्रदर्शन और आंदोलनरियों ने सरकार के विरुद्ध की जमकर नारेबाजी।
मधेपुरा में बढ़ते भ्रष्टाचार, अपराध और भूमिहीनों को बासगीत पर्चा,व आदिवासियों को जमीन का पट्टा देने, तथा स्मार्ट मीटर पर रोक लगाने सहित 11 सूत्री मांगो को लेकर आज भाकपा कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय पर किया रोशपुर्ण प्रदर्शन और सरकार के विरुद्ध जमकर की नारेबाजी। बता दें कि आंदोलनकारियों ने झंडा बैनर, ढोल नगाड़े, तीर धनुष से लैस होकर प्रदर्शनकारी सड़क पर कुछ भी कर गुजरने को आतुर थे । वहीं बीपी मंडल चौक, समाहरणालय से कलाभवन जाने वाली सड़क लाल झंडों से पटा रहा हजारों की संख्या में आए भूमिहीन, दलित,आदिवासी का कारवां कलाभवन मधेपुरा के मैदान में पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई ।
जहां सभा को संबोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा की डबल इंजन की सरकार बिहार के भ्रष्ट अधिकारियों एवं अपराधियों के कब्जे में है ,उन्होंने कहा कि अपराधियों को प्रशासन का एवं भ्रष्ट अधिकारियों की शासन का कोई डर नहीं रह गया है ।भाकपा नेता ने कहा कि अंचल से सचिवालय तक लूट मची है, सरकार की सभी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है,इतना हीं सरकारी कार्यालय इन दिनों दलालों के जेब में चल रहा है ।
उन्होंने कहा कि सात निश्चय कार्यक्रम हो या मनरेगा या फिर अभियान बसेरा वन एवं टू सब ढाक के तीन पात साबित हो रहा है। आक्रोशित भाकपा नेता ने सूबे प्रीपेड मीटर लगाना बिजली उपभोक्ताओं को खून चूसने की कार्रवाई बताया। भाकपा नेता प्रभाकर ने कहा कि आजादी के 77 वर्ष बाद भी भूमिहीन दलित, आदिवासी एवं गरीब कीड़े मकोड़े की जिंदगी जीने को विवश है।
उन्होंने कहा कि दशकों पहले जल और जंगल तोड़कर आदिवासियों द्वारा जोत आवाद रहे जमीन का अभी तक पट्टा नहीं मिला, बास की जमीन का पर्चा नहीं मिला,बेघरों को घर नहीं मिला उन्होंने ने कहा कि पंचायत वार सर्वेक्षण करा कर सभी भूमिहीनों को बास गीत पर्चा,आदिवासियों को जमीन का पट्टा एवं बेघर को पक्का मकान दे सरकार, इन तमाम 11 सूत्री मांग को लेकर हमारी प्रदर्शन है अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो आने वाले समय में आंदोलन और उग्र व तेज होगा जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और राज्य सरकार की होगी।
कार्यक्रम की अगुवाई जहां भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर कर रहे थे, वहीं इस मौके पर जिला मंत्री विद्याधर मुखिया, वरीय नेता रमन कुमार, शैलेंद्र कुमार, उमाकांत सिंह, दिलीप किस्कू, रामदेव सिंह, मुकुंद प्रसाद यादव, प्रोफेसर ललन मंडल, मोहम्मद जहांगीर, दिलीप पटेल, रमेश शर्मा आदि नेता शामिल थे l
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