बिहार न्यूज़ लाइव /भेड़िया आया, भेड़िया आया जी हां यह कहानी हमसभी लोगों ने बचपन में सुनी होगी कि एक व्यक्ति रोज रोज चिल्लाता था कि भेड़िया आया, भेड़िया आया. लोग दौड़कर उसको बचाने आ जाते और ऐसा करके वह व्यक्ति बहुत खुश होता. एक दिन सचमुच में भेड़िया आ गया, वह चिल्लाता रहा लेकिन कोई उसकी मदद करने नहीं आया क्योंकि लोग उसके सच को भी मजाक मान रहे थे.
दरअसल यह कहानी याद दिलाने का कारण है नीतीश कुमार का वह बयान कि मर जायेंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. जाहिर सी बात है राजनीति जगत नीतीश कुमार के इस बयान को कोई महत्व नहीं दे रहा क्योंकि उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर में गठबंधन बदल-बदल कर खुद को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. स्थिति यह है कि सत्ता में रहने के बाबजूद राजद के कई नेताओं को यह खौफ है कि वह कभी भी पलटी मार सकते हैं इसलिए पार्टी सोच समझकर रणनीति बना रही है. वैसे नीतीश कुमार के इस बयान पर भाजपा ने चुटकी ली है. आपको बता दें कि बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार दो बार ये डायलॉग बोल चुके हैं और वादा करते हैं कि तीसरी बार वो ऐसा नहीं बोल पाएंगे.
संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार ने 2016 में कहा था मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे….और अब 7 साल बाद नीतीश कुमार फिर कह रहे हैं कि वह मर जाएंगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह पक्का है कि तीसरी बार नीतीश कुमार इस तरह की बात करने लायक रहेंगे ही नहीं. वहीं BJP नेता और बिहार विधान परिषद के प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि आप तो कहते थे मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे…फिर भी आपने भाजपा के साथ गठबंधन किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी भाजपा ने पिता के समान आपको कंधे पर बैठाकर मुख्यमंत्री बनाया…और अभी आप जिसके कंधे पर हैं, उसको भी भाजपा ने ही बनाया.
इससे पहले बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी कहा था कि अब बीजेपी किसी भी कीमत पर नीतीश कुमार के साथ समझौता नहीं करेगी.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रदेश कार्यसमिति में बिहार प्रभारी विनोद तावड़े भी स्पष्ट कर चुके हैं कि नीतीश कुमार किसी भी गठबंधन के लिए अब बोझ बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश में वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता खत्म हो चुकी है…..और 2020 में अगर पीएम मोदी ने बिहार में प्रचार नहीं किया होता तो जेडीयू 15 सीट नहीं जीत पाती. उन्होंने कहा कि नीतीश के चले जाने से बीजेपी खुश है. इस तरह भाजपा नीतीश कुमार के इस बयान से चिंतित नहीं है. लेकिन राजनीतिक जानकारों का यह कहना है कि अगर राजद ने आक्रामक रवैया कायम किया तो फिर नीतीश कुमार वापस भाजपा के साथ गठबंधन करते नजर आ सकते हैं.
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