एमडीए अभियान को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका अहम: डीएमओ
• शहरी क्षेत्र में ई-रिक्शाके माध्यम से किया जायेगा प्रचार-प्रसार
• एमडीए अभियान को लेकर मीडिया कार्यशाला हुआ आयोजन
• प्रखंडस्तर पर तैयार किया गया है एक्शन प्लान
• 10 फरवरी से 14 दिन तक चलेगा अभियान
सीवान। फाइलेरिया के प्रति जन-समुदाय को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। एमडीए अभियान को जन-आंदोलन बनाने की जरूरत है। एमडीएम अभियान तभी सफल होगा जब इसमें समुदाय के सभी लोग अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य 2030 से घटाकर 2027 कर दिया गया है। फाइलेरिया अपेक्षित रोगों से बाहर निकलकर सरकार के प्राथमिकता में शामिल होगा गया है। उक्त बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एमआर रंजन ने आयोजित एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला के दौरान कही। सदर अस्पताल में एमडीए अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर सहयोगी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने कहा कि जिले में 10 से 14 दिनों तक सर्वजन दवा सेवन अभियान चलेगा। इसको लेकर माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है।शहरी क्षेत्र में 1 लाख 47 हजार 897 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 27 लाख 77 हजार 450 लाभार्थियों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 2279 आशा, 36 वॉलेंटियर, 122 सुपरवाइजर को जिम्मेदारी दी गयी है। शहरी क्षेत्र 59 टीम तथा ग्रामीण क्षेत्र 1157 टीम को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इस दवा को कोई भी नुकसान नहीं होता है । सभी लोग इस दवा का सेवन करें। दवा खाने से फाइलेरिया से होने वाली बीमारी से बचा जा सकता है। इस मौके पर डीएमओ डॉ. एमआर रंजन, भीडीसी राजेश कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ अभिषेक कुमार, पीसीआई के आरएमसी जुलेखा फातमा, सीफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्व्यक गनपत आर्यन, जिला समन्वयक विनोद श्रीवास्तव, अमित कुमार विपुल समेत अन्य मौजूद थे।
रैपिड रिस्पांस टीम का किया गया है गठन:
डीएमओ ने कहा कि एमडीए अभियान के दौरान दवा की डोज उम्र के अनुसार दी जाएगी। दवा खाली पेट नहीं खानी है और इसे स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाना आवश्यक है । यह दवाएं निःशुल्क जनसमुदाय को खिलाई जाएंगी और इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों,गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है। दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। इनसे घबराना नहीं है और आमतौर पर यह स्वतः ठीक हो जाते हैं। अगर किसी को ज्यादा दिक्कत होती है तो आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ब्लॉक रिस्पांस टीम को सूचित कर सकता है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने हीं खांये दवा :
केयर इंडिया के डीपीओ अभिषेक कुमार ने जिलेवासियों से भ्रांतियों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान उपलब्ध कराई जाने वाली दवा का सेवन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले लोगों के शरीर में भी फाइलेरिया रहती है और 14-14 वर्ष बाद भी इसका असर शुरू होता है। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए लोगों को लगातार पांच साल तक इस दवा का सेवन करना आवश्यक है। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है। पीसीआई के आरएमसी जुलेखा फातमा ने बताया कि एमडीए अभियान के दौरान दवा की डोज उम्र के अनुसार दी जाएगी। दवा खाली पेट नहीं खानी है और इसे स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाना आवश्यक है । यह दवाएं निःशुल्क जनसमुदाय को खिलाई जाएंगी और इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों,गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है। दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। इनसे घबराना नहीं है और आमतौर पर यह स्वतः ठीक हो जाते हैं। अगर किसी को ज्यादा दिक्कत होती है तो आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ब्लॉक रिस्पांस टीम को सूचित कर सकता है।
शहरी क्षेत्र में ई-रिक्शा के द्वारा ऑडियों और बैनर पोस्टर के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। इसको लेकर शहरी क्षेत्र में 6 जागरूकता रथ को चलाया गया है। बुधवार को सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार भट्ट ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया। यह जागरूकता रथ 10 दिनों तक गांव-गांव में जाकर समुदाय को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा सेवन के प्रति जागरूक करेगी।