बिहार न्यूज़ लाइव प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार की नजरें गड़ी. जी हां लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे क़रीब आ रहे हैं, विपक्षी एकता की चर्चा जोर पकड़ने लगी है. वहीं लोगों के अनुसार नीतीश कुमार विपक्षी खेमे के अगुआ बनने की सोच रहे हैं. हालांकि वे कई बार कह चुके हैं कि मैं प्रधानमंत्री पद की होड़ में नहीं हूं….लेकिन उनकी यह बात कोई भी मानने को तैयार नहीं है. दरअसल, नीतीश कुमार की शर्त ही कुछ अजीब है. एक तरफ़ वे कहते हैं कि मैं PM पद की होड़ में हूँ. दूसरी तरफ वे कहते हैं राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें तो हमें कोई हर्ज नहीं है.
तीसरी तरफ वह यह भी कहते हैं कि चुनाव के पहले नेता का नाम घोषित नहीं करेंगे….चुनाव बाद मिल-बैठकर फ़ैसला करेंगे. दरअसल कांग्रेस इसका मतलब समझ नहीं पा रही है. वैसे भी कांग्रेस को नीतीश कुमार की नीयत पर भरोसा नहीं है. उसे पूरी तरह लग रहा है कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार बदल जाएँगे…. जैसा कि एक बार चंद्रशेखर के साथ हुआ था. गौरतलब है कि चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बनना चाहते थे. वहीं चौधरी देवीलाल ने चंद्रशेखर को विश्वास दिलाया कि नेता आपको ही चुना जाएगा. वहीं मीटिंग में चौधरी देवीलाल को नेता चुनने का अधिकार दे दिया गया…..और उन्होंने विश्वनाथ प्रताप सिंह को नेता चुनने का प्रस्ताव रख दिया. उस वक़्त चंद्रशेखर के सिवाय बाक़ी ज़्यादातर ने उनका समर्थन कर दिया. वैसे राजनीतिक जानकारों का यह कहना है कि नीतीश कुमार के मन में क्या है, ये तो वही जानें …..लेकिन वे प्रधानमंत्री पद की होड़ में नहीं है,
यह बात कोई भी मानने को तैयार नहीं है. यही वजह है कि जब वे दिल्ली गए तो सोनिया गांधी ने उन्हें मिलने का वक्त ही नहीं दिया था. नीतीश का कहना है कि बात कांग्रेस की तरफ़ से अटकी हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आगे आए तो विपक्षी एकता की बात बने. इसी कड़ी में नीतीश कुमार ने यहां तक कह दिया कि विपक्ष एक हो जाए तो भाजपा सौ सीटों के अंदर आ जाएगी. वहीं सौ सीटों के अंदर आने की बात सुनकर भाजपा वाले आग-बबूला हो रहे हैं. भाजपा का कहना है कि बिहार तो नीतीश से संभलता नहीं, देश क्या ख़ाक सँभालेंगे? भाजपा का कहना है कि नीतीश दरअसल, देवगौडा या गुजराल बनने की ताक में हैं.
वैसे प्रधानमंत्री पद कुछ ऐसा है कि एक अनार, सौ बीमार वाले हाल हो रहे हैं. खासकर विपक्ष के तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा यह चर्चा का विषय बना हुआ है. लेकिन नीतीश कुमार इस देश में नहीं है यह कोई मानने के लिए तैयार नहीं है. अब देखना यह है कि विपक्ष के तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन बनता है.
Comments are closed.