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शादी के 9 दिन बाद पति का मर्डर झेलने के बाद पूजा पाल ने कैसे दी अतीक गैंग को टक्कर, जानें !

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बिहार न्यूज़ लाइव /उमेश पाल हत्याकांड ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश को हिला कर रख दिया. वहीं इस केस में पुलिस ने जिस तरह से अपराधियों का एनकाउंटर किया उससे कई आपराधिक छवि वाले लोगों की नींद हराम हो गयी है. हालांकि इस हत्याकांड के बाद जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद और उसके परिवार का नाम हर तरफ सुनाई दे रहा है. लेकिन एक नाम और भी हैं, जो चर्चाओं में बना हुआ है और वो नाम हैं सपा विधायक पूजा पाल का. जिनके पति राजू पाल को अतीक के गुर्गों ने सरेआम मौत के घाट उतार दिया था. उसी समय से वह अतीक अहमद गैंग के सामने निडरता से डटी रहीं. वैसे राजू पाल की हत्या के पीछे भी कहीं न कहीं चुनावी रंजिश थी. दरअसल साल 2004 में यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से बाहुबली नेता अतीक अहमद सपा के टिकट पर जीत हासिल कर सांसद बन चुके थे. उनके सांसद बन जाने से इलाहाबाद शहर (पश्चिम) विधानसभा सीट खली हो गई थी. कुछ दिनों बाद उपचुनाव का ऐलान हुआ. इस सीट पर हुए सपा ने सांसद अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया. जबकि बहुजन समाज पार्टी ने अशरफ के सामने राजू पाल को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया. जिसमें राजू पाल की जीत हुई. वहीं इसके बाद राजू पाल ने पूजा से शादी की लेकिन शादी के 9 दिन बाद ही 25 जनवरी 2005 को पहली बार विधायक बने राजू पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस सनसनीखेज हत्याकांड में सीधे तौर पर तत्कालीन सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था. दिन दहाड़े विधायक राजू पाल की हत्या से पूरा इलाका सन्न था. बसपा ने सपा सांसद अतीक अहमद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उसी दौरान दिवंगत विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में हत्या का मामला दर्ज कराया था. उस एफआईआर में सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, खालिद अजीम को नामजद किया गया था. मामला दर्ज हो जाने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरु की और पुलिस ने इस हत्याकांड की विवेचना करने के बाद तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद और उनके भाई समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में राजू पाल की पत्नी पूजा पाल का चचेरा भाई उमेश पाल एक अहम चश्मदीद था. लेकिन जब केस की छानबीन आगे बढ़ी तो उमेश पाल को धमकियां मिलने लगी….और इसी के बाद उसने अदालत में जाकर राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के पक्ष में गवाही दी थी. हालांकि अतीक के चंगुल से मुक्त हो जाने के कुछ दिनों बाद इस मामले में उमेश पाल ने अतीक अहमद के खिलाफ थाने जाकर मुकदमा दर्ज करवाया था.

 

उसने अतीक अहमद पर उसे अगवा कर जबरन अपने पक्ष में गवाही करवाने का आरोप लगाया था. वैसे बाद में मामले की जांच उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबी-सीआईडी को सौंपी दी थी. लेकिन सीबी-सीआईडी की जांच से भी दिवंगत विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल और उनका परिवार नाखुश था. निराश होकर पूजा पाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सीबीआई जांच की मांग की. मामले को सुनने के बाद देश की सबसे बड़ी अदालत ने 22 जनवरी 2016 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फरमान सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने राजू पाल हत्याकांड में नए सिरे से 20 अगस्त 2019 को मामला दर्ज किया और छाबनीन शुरू कर दी. करीब तीन साल विवेचना करने के बाद सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. इस तरह पूजा पाल ने अतीक अहमद के खिलाफ मोर्चा खोलना जारी रखा. लेकिन इस बीच अब उमेश पाल की भी हत्या हो गयी . यहां आपको यह भी बता दें कि जब राजू पाल हत्याकांड की सीबीआई जांच की बात सामने आई थी तो उमेश पाल को इस मामले में फंसने का डर सताने लगा था. इसलिए एक दिन वो पाल समाज के कई नेताओं और प्रभावशाली लोगों को लेकर राजू पाल के घर पहुंच गया था. और वहां उसने पूजा पाल के सामने हाथ जोड़कर कहा था कि अब सहयोग कीजिए और हम लोग गवाही देंगे. इस पूजा पाल ने कहा था कि आए हो तो निराश नहीं करेंगे.

 

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ईमानदारी से लड़ना चाहते हो तो साथ देंगे. इसके बाद पूजा पाल खुद कई बार उमेश को लेकर कोर्ट जाती थी. जी हां जिस अतीक अहमद से उलझने में अच्छे अच्छों की हवा निकल जाती है उसके सामने पूजा पाल निडरता से डटी रही. बता दें कि पूजा पाल का परिवार तत्कालीन इलाहाबाद शहर में कटघर मोहल्ले में रहता था. वहीं रहकर उन्होंने पढ़ाई लिखाई की. पूजा पाल की शादी 16 जनवरी 2005 राजू पाल के साथ हुई थी. तब राजू पाल इलाहाबाद शहर (पश्चिमी) सीट से बसपा विधायक थे. पूजा ब्याह कर अपनी ससुराल धूमनगंज स्थित उमरपुर नीवां पहुंची थी. उनकी शादी के महज 9 दिन बाद ही उनके विधायक पति राजू पाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. इसके बाद वो पति की हत्या के मामले में पैरोकार बनीं और उन्होंने सियासत में कदम रखा. हालांकि उनकी राजनीति में एंट्री को धमाकेदार नहीं रही. दरअसल पति की हत्या के बाद उपचुनाव में बसपा ने उन्हें टिकट दिया, लेकिन वह चुनाव हार गईं.

 

हालांकि अगली बार साल 2007 के विधानसभा चुनाव में वह इलाहाबाद शहर (पश्चिम) से बसपा की विधायक बनीं. इसके बाद 2012 में भी पूजा ने दोबारा इसी सीट पर जीत दर्ज की. लेकिन साल 2017 में मोदी लहर में उन्हें बीजेपी के सिद्धार्थनाथ सिंह ने चुनाव हरा दिया. वैसे इसके बाद उन्होंने बसपा का त्याग कर दिया और 2022 के विधान सभा चुनाव में सपा के टिकट पर चायल से विधायक चुनी गईं. हालांकि इस चुनाव में उन्होंने जो हलफनामा दिया उससे यह पता चला कि उन्होंने दूसरी शादी कर ली है.

 

बता दें कि 2022 में चुनाव के दौरान उन्होंने जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें उन्होंने अपनी पति का नाम ब्रजेश वर्मा लिखा था. और अपना निवास मल्लावां, मेहंदी खेड़ा, गोसवा, हरदोई लिखा था. इस बात से खुलासा हुआ था कि पूजा पाल ने गुपचुप तरीके से दूसरी शादी कर ली थी. अब देखना यह है कि उमेश पाल प्रकरण में आगे क्या कार्रवाई होती है.

 

 

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