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हिन्दुओं का इतिहास शौर्य एवं पराक्रम का है; अनेक वर्ष सशस्र संग्राम कर प्राप्त की हुई स्वतंत्रता के पश्चात ‘दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल…’ इसप्रकार झूठा संदेश प्रसारित कर हिन्दुओं की भावी पीढियों को शौर्य से वंचित किया जा रहा है । गत 75 वर्षों में हिन्दुओं का शौर्य जागृत होगा, ऐसे कार्यक्रम होते हुए दिखाई नहीं देते । इस दृष्टि से ही हिन्दुओं में शौर्यजागरण हो एवं प्रभु श्रीराम की कृपा से रामराज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र–स्थापना को बल मिले, इसलिए श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति एवं समविचारी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन की ओर से देशभर में 854 स्थानों पर ‘गदापूजन’ किया गया । उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ, रायबरेली, जालौन में भी 4 स्थानों पर ‘गदापूजन’ किया गया ।
इस अवसर पर शंखनाद से कार्यक्रम का आरंभ हुआ । तदुपरांत सामूहिक प्रार्थना, ‘गदापूजन’ विधि, श्री हनुमान की आरती, स्तोत्र एवं ‘श्री हनुमते नम:’ सामूहिक नामजप किया गया । इसके साथ ही ‘धर्मसंस्थापना के लिए हनुमानजी के गुण कैसे आत्मसात करें’ इस विषय में मार्गदर्शन भी किया गया । कार्यक्रम के अंत में ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रतिज्ञा’ की गई ।
हिन्दुओं के प्रत्येक देवता का रूप देखने पर देवता का केवल एक हाथ आशीर्वाद देनेवाला, तो अन्य सभी हाथों में विविध प्रकार के अस्त्र–शस्त्र हैं । उस दृष्टि से देवताओं के शस्त्रों का पूजन करने से हिन्दुओं में शौर्य जागृत होने में सहायता होगी । इस वर्ष श्रीरामनवमी की शोभायात्रा पर अनेक राज्यों में भीषण आक्रमण हुए । हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर उनका मनोबल तोडा गया है । इस गदा पूजन के माध्यम से पुन: हिन्दुओं को बल मिलेगा । हिन्दुओं में शौर्य धधगता रहे, इसलिए त्योहार–उत्सव के समय प्रतिकात्मक शस्त्रपूजन होना चाहिए, ऐसी इस कार्यक्रम के पीछे भूमिका हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने इस अवसर पर प्रस्तुत की ।
समर्थ रामदासस्वामीजी द्वारा स्थापित किए हुए 11 श्रीहनुमानजी के स्थानों पर भी गदापूजन किया गया । इनके साथ ही महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे, रायगड, पुणे, सातारा, सोलापुर, कोल्हापुर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, संभाजीनगर, नासिक, धुळे, जलगांव, नागपुर एवं अमरावती; कर्नाटक में बागकोट, धारवाड, शिवमोग्गा, उडुपी, दक्षिण कन्नड, मैसूर, तुमकूर, बेंगलुरू एवं बेलगांव; गोवा में फोंडा एवं साखली; उत्तर प्रदेश में वाराणसी, लखनऊ, रायबरेली, जालौन, मथुरा सहित दिल्ली, झारखंड एवं राजस्थान में भी सामूहिक ‘गदापूजन’ उत्साह में संपन्न हुआ । इन कार्यक्रमों में संतों की वंदनीय उपस्थिति थी । इसके साथ ही विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पदाधिकारी एवं भारी संख्या में युवावर्ग भी उपस्थित था ।
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