समस्तीपुर: खानपुर प्रखंड के पुरगाहर पूर्वी में जे ई के द्वारा जांच में लाखों रुपए के घोटाले का हुआ उजागर।
मामला है ग्राम पंचायत राज श्रीपुर गाहर पूर्वी का।
जे ई ने कहा अवैध तरीके से पैसे की हुई है निकासी।
बिहार न्यूज़ लाइव / अर्जुन कुमार झा/समस्तीपुर/ डेस्क: खानपुर प्रखंड क्षेत्र के श्रीपुरगाहर पूर्वी पंचायत में सरकार के विकासात्मक योजनाओं में भारी अनियमितता बरतते हुए लाखों रुपए का अवैध रूप से निकासी कर ली गई है।जिसके बाद ग्रामीणों के द्वारा किए गए कार्य में भारी अनियमितता व अवैध तरीके से लाखों रुपए निकासी के मामले में लिखित आवेदन वरीय पदाधिकारी को देकर जांच का मांग किया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी गौरी कुमारी ने जे ई अजीत कुमार दिवाकर के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर पंचायत के कई योजनाओं की जांच की।जांच टीम में शामिल जे ई अजीत कुमार दिवाकर व लेखा पाल विक्की कुमार के द्वारा धरातल पर योजनाओं की जांच की गई।जिसमें नल जल सीढी का निर्माण,चबूतरे का निर्माण,शौचालय का निर्माण,छठ घाट की साफ सफाई सहित कई योजनाएं शामिल है।
सभी योजनाओं की जांच कर जेई ने मामले का खुलासा किया है।इस क्रम में जे ई अजीत कुमार दिवाकर ने बताया कि सात निश्चय योजना के तहत नल जल में मेन पाइप लाइन तीन फीट के बजाय 6 से 7 इंच तो कहीं एक से डेढ़ फीट में गारा गया है।वहीं एप्रोचींग पाइप लाइन धरातल के ऊपर पाया गया है।वर्ष 2023 में छठ घाट साफ सफाई किए बिना हीं चार लाख अस्सी हजार रुपए की अवैध निकासी किए जाने की पुष्टि की गई है।
वार्ड12 में छठ घाट सीढ़ी का निर्माण बिना प्राक्कलन राशि के ही अवैध तरीके से गुणवत्ता को ताक पर रख कार्य किया गया है।जिसकी भी पुष्टि जेई ने किया है।वहीं अमर सिंह स्थान में मानक के विरुद्ध महज चार पिलर पर लंबा चौड़ा चबूतरा का निर्माण कराया जा रहा है जो बिलकुल नियम के विपरीत है।
बता दें कि अनुसूचित जाति के क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाना था,लेकिन इस पंचायत में विद्यालय में शौचालय निर्माण कराया गया है जहां पूर्व से शौचालय बना हुआ है,वहां अवैध तरीके से शौचालय का निर्माण कर 6 लाख 38 हजार रुपए का निकासी कर ली गई है।इन सभी मामलों का खुलासा करते हुए जेई ने रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को सौंपने की बात कही है।सनद रहे कि इस पंचायत में करीब 16वार्ड सदस्य मुखिया के क्रियाकलाप के खिलाफ है।साथ ही स्थानीय जनता विनय कुमार झा उर्फ टनटन झा से उक्त मामले में एक एम जे सी भी उच्च न्यायलय में दायर किया है।
अब देखना यह होगा कि सरकारी राशि की अवैध निकासी और बंदरबांट पर अंकुश कब तक लगाया जाएगा और नियमानुसार जनकल्याणर्थ कार्य कब से शुरू होगा।
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