100 वें मन की बात के विशेष समारोह में जयराम विप्लव हुए सम्मानित, तारापुर शहीद दिवस के जिक्र से चर्चा में आए थे

Rakesh Gupta

100 वें मन की बात के विशेष समारोह में जयराम विप्लव हुए सम्मानित, तारापुर शहीद दिवस के जिक्र से चर्चा में आए थे ।

*पीएम की चर्चा में आए जयराम विप्लव को राज्यपाल ने विशेष समारोह में किया सम्मानित ।*

*राजभवन में मन की बात के विशेष स्क्रीनिंग में सम्मानित हुए जयराम विप्लव*

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मन की बात के 100वें एपिसोड पर बिहार राजभवन के राजेंद्र मंडप में प्रसार भारती द्वारा आयोजित विशेष स्क्रीनिंग एवम सम्मान समारोह में महामहिम राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने मुंगेर के तारापुर नगर पंचायत के धौनी गांव निवासी सेवानिवृत शिक्षक रामाशीष चौधरी के पुत्र भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट जयराम विप्लव को सम्मानित किया।विप्लव को यह सम्मान मन की बात में प्रधानमंत्री से तारापुर शहीद दिवस का प्रसंग साझा करने के लिए दिया गया ।

 

विदित हो कि 31 जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारापुर के शहीदों को नमन किया था और इतिहास के इस वीर गाथा को दुनिया के सामने लाने के लिए जयराम विप्लव को धन्यवाद भी दिया था ।

जयराम विप्लव ने कहा कि पहली बार मैंने प्रधानमंत्री मोदी जी को मन की बात में सुना तो ऐसा लगा मानो कोई अभिभावक अपने परिवार के सदस्यों के साथ खाने की मेज पर देश और समाज के बारे में चर्चा कर रहा हो । समाज जीवन के हर एक पहलू को प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने मन की बात में छुआ है । 100 में एपिसोड के अवसर पर इतना तो कई सकते हैं की मन की बात अब जन जन की बात बन चुका है । पर्यावरण संरक्षण ,जल संचयन, स्वच्छ भारत ,युवाओं में नशे की लत ,खादी के उपयोग को बढ़ावा जैसे अनेक महत्वपूर्ण प्रयासों को मोदी जी ने मन की बात के इस मंच के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया और लोगों को अपने इस अभियान में सफलतापूर्वक जोड़ा ।

साथ ही मन की बात में ऐसे गुमनाम नायकों का भारत के स्वतंत्रता के वीरों का भी जिक्र प्रधानमंत्री जी ने किया जिनकी आजादी के बाद भी उतनी चर्चा नहीं हो पाई थी ।

वीरभूमि तारापुर मुंगेर के जांबाज युवाओं को नमन करता हूं जिन्होंने प्राण देकर भी ब्रिटिश शासन को चुनौती देते हुए थाना भवन पर राष्ट्रीय झंडा लहराया था । उन पूर्वजों की संतान होने का गर्व है जिनके बलिदान को यशस्वी प्रधानमंत्री मोदीजी ने मन की बात में अंतःकरण से श्रद्धापूर्वक स्मरण किया था ।

आजादी के अमृत काल में देश ने जाना कि कैसे स्वतंत्रता के समर में रक्त्त भी बहा है, बलिदान भी हुआ है, संघर्ष भी हुआ है,विमर्श भी हुआ है, जेल भी हुआ है, काला पानी का कठोर दंड भी भोगा गया है । नरम दल सक्रीय रहे तो गरम दल भी अग्रसर रहा | हर विचार, हर वर्ग, हर ग्राम, हर कसबे , हर नगर, हर डगर के राष्ट्रभक्तों ने अपने साहस,समर्पण और संघर्ष से भारत माता की परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए अपनी आहुतियाँ दी है ।

 

महिला,पुरुष,वृद्ध,बालक,अगड़े,पिछड़े,हरिजन,गिरिजन,वनवासी–सबों ने अपने प्राणों की परवाह किये बगैर इस युद्ध में समान रूप से सहभागिता निभाई है । इसीलिए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आज़ादी सबकी और योगदान सबका ।

विप्लव ने प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार प्रकट करते हुए कहा कि 34 वीरों के बलिदान का साक्षी 108 वर्ष पुराना ब्रिटिश थाना भवन को धरोहर के रूप में विकसित करना चाहिए ताकि आने वाले पीढ़ी को गौरवशाली अतीत से प्रेरणा मिलती रहे।

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