बिहार न्यूज़ लाइव / जयपुर/(हरिप्रसाद शर्मा) चुनाव की नज़दीकियों को देखते हुए राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भी भगवान शिव सहारा लेना शुरू कर दिया है। राजस्थान में सचिन पायलट के साथ तनातनी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भोलेनाथ की शरण में पहुंच गए हैं। आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री गहलोत को पायलट की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है ।
पायलट ने गहलोत को खुले आम चुनौती देते हुए जन संघर्ष यात्रा के समापन पर जयपुर में आम सभा के दौरान प्रन्द्रह दिनों अल्टिमेट देकर मुश्किलें खड़ी कर दी है । जबकि पायलट की यात्रा को लेकर आलाकमान ने बिल्कुल पला झाड़ लिया है । उन्होंने पायलट की जानकारी से अनभिज्ञ ज़ाहिर की । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री पीसीसीएफ़ उपाध्यक्ष नसीम अख़्तर इंसाफ़ के साथ प्रेस कांफ्रेंस में यात्रा की जानकारी नहीं होने की बात कहीं थी।
सरकार इन्हीं मुश्किलों के समाधान हेतु मुख्यमंत्री गहलोत सहित सरकार के क़रीब 19 मंत्री यानी आधी सरकार कथा, भोलेनाथ और मॉं भगवती पूजन में लीन हैं। मुख्यमंत्री छह माह में दो अनुष्ठान करवा चुके हैं। इसी अवधि में सरकार के 19 मंत्रियों ने करीब 98 धार्मिक कार्यक्रम करवाए या उनमें भाग लिया।
इनमें सात मंत्री और नेता ऐसे हैं, जिन्होंने अपने निवास या निकट के मंदिर आदि जगहों पर भागवत कथा करवाई। जानकारी मिली है कि कई नेता करवाने की तैयारी में हैं । बताया जाता है कि भगवान शिव और माता भगवती के दर पर हर कोई दूसरा मंत्री फेरी देता दिखाई दे रहा है। गहलोत 14 फरवरी को बारां में बालाजी के मंदिर में भागवत कथा में बैठे। जबकि 18 फरवरी को सपत्नीक मुख्यमंत्री आवास पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। हाल ही रामनवमी के अवसर पर भी मुख्यमंत्री हाउस में भी हवन का आयोजन भी किया था।
इसमें गहलोत अपने पूरे परिवार के साथ शामिल हुए थे। जबकि गहलोत के विरोधी सचिन पायलट 15 मई को जन संघर्ष यात्रा समाप्त कर झाड़खंड महादेव में पूजा करने पहुंचे। वे पिछले आंदोलन पर भी महादेव के दर पर पहुंचे थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने फरवरी में सालासर बालाजी गौशाला में नंदी पूजन किया था। गायों को हरा चारा खिलाया। इसके अलावा आए दिन मंदिरों में दर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आगामी 5जुलाई को पुष्कर में कथा का आयोजन होने वाला है
उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आने की संभावना है । गहलोत सरकार ने पुष्कर के विकास के लिए इस चुनावी वर्ष में दिल खोलकर विकास कार्यों पर बजट में राशि स्वीकृत की है ।दूसरी ओर गहलोत के ख़ास आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी पुष्कर विकास के लिए रुचि लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी है ।
आगामी विधानसभा चुनाव में पुष्कर से राठौड़ को प्रबल दावेदार माना जा रहा है । राठौड़ भी पुष्कर में होने वाले धार्मिक आयोजनों में शिरकत करते हुए देखें गये हैं । ज्ञातव्य हो कि राठौड़ ने तो एक कार्यक्रम में यह भी घोषणा कर दी की कि जल्द ही पुष्कर के पास नांद गाँव में भागवत कथा का आयोजन कराने का मानस बना लिया है ।