जयपुर: प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के दलित वोटों को पक्ष में करने के लिए मंत्रिमंडल में मेघवाल का क़द बढाया.
बिहार न्यूज़ लाइव / जयपुर/(हरिप्रसाद शर्मा) देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को केंद्रीय कानून मंत्री का पद सौंपकर उनका कद बढ़ा दिया है। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले दलित वोट बैंक साधने के लिए मोदी ने यह निर्णय लिया गया है। बताया जाता है कि मेघवाल राजस्थान के मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं ।
वैसे तो भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद पर कई दावेदार हैं । वर्तमान स्थिति में देखा जाये तो मुख्यमंत्री पद हेतु प्रबल दावेदार के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही अपनी दावेदारी पर है । अन्य दावेदारों के रूप में प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड़, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल की भी तस्वीर उभरकर सामने आ गई हैं।
लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर मेघावाल को जिस तरह उनके क़द को बढ़ावा है । इससे लगता है कि मोदी राजस्थान में दलित वोटों को साधने के लिए मेघवाल को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया जा सकता है । यदि केन्द्रीय समिति मेघवाल को मुख्यमंत्री का चेहरा बनातीं हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए यह सबसे बड़ी पार्टी में ही चुनौती है ।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को राजस्थान में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के विरोधी खेमे का नेता माना जाता है। बीकानेर के कद्दावर भाजपाई नेता देवी सिंह भाटी समेत वसुंधरा राजे खेमे के कई नेताओं की बीजेपी में वापसी अर्जुन राम मेघवाल ने अब तक होने नहीं दी है। क्योंकि बीजेपी की राजस्थान में पार्टी के लिए बनाई एडवाइज़र कमेटी के भी अध्यक्ष अर्जुन राम मेघवाल ही हैं।
सीधे तौर पर वसुंधरा विरोधी नेता को माने जाते है। बताया जाता है कि मोदी से मेघवाल की काफी नज़दीकियाँ भी है। इसका भी फायदा मेघवाल को मिला है। इससे भी आम लोगों में एक बड़ा संदेश है कि मोदी के द्वारा केंद्र सरकार की उपलब्धियों को राजस्थान में आगे लेकर चलने वाले नेता ही बीजेपी में आगे बढ़ेंगे ।
आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से ही नहीं, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी दलित वोट बैंक को देशभर में साधने के लिए मेघवाल को कानून मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार के साथ पद दिया गया है। राजस्थान में 34 सीटें शेड्यूल कास्ट (एससी) रिजर्व हैं। इनमें से केवल 12 सीटों पर ही बीजेपी विधायक हैं, जबकि 19 कांग्रेस विधायक हैं। 2 विधायक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और एक निर्दलीय विधायक हैं। इसके अलावा राजस्थान में शेड्यूल ट्राइब्स (एसटी) की 25 सीटें रिज़र्व हैं। इनमें 8 बीजेपी विधायक हैं।
13 कांग्रेस विधायक हैं। 2 विधायक भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) से और दो निर्दलीय भी हैं। एससी और एसटी दोनों सीटों का हिसाब निकाला जाए तो रिज़र्व कुल 59 सीटों में से केवल 20 ही बीजेपी विधायक हैं। जबकि 32 कांग्रेस विधायक, 2 बीटीपी, 2 आरएलपी और 3 निर्दलीय विधायक हैं। इन दलित वोट बैंक को बीजेपी के पक्ष में साधने और खासकर बीकानेर संभाग और जोधपुर संभाग सहित पश्चिमी राजस्थान में बड़ी संख्या में मौजूद मेघवाल मतदाताओं को यह संदेश देने के लिए मेघवाल का केंद्रीय मंत्रिमंडल में पद से नवाज़ा गया है।
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