जयपुर: गहलोत व पायलट के बीच चल रहे विवाद पर केंद्रीय समिति गंभीर-25मई को दिल्ली में बैठक 

Rakesh Gupta
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बिहार न्यूज़ लाइव / जयपुर/(हरिप्रसाद शर्मा) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद को लेकर केंद्रीय नेतृत्व अब गंभीर है। इन पेचीदा मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली में 25 मई को बैठक आयोजित की जा सकती है । इस बैठक में समन्वय की कोशिश की जाएगी। फिलहाल इस बैठक में कौन-कौन लोग शामिल होंगे यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है लेकिन यह निश्चित तौर पर कहा जा रहा है कि कर्नाटक का मसला सुलझने के बाद अब राजस्थान पर ध्यान केंद्रित करने की बात सामने आई है।

 

सचिन पायलट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग का पुनर्गठन, पेपर लीक के मामले में पीड़ितों को आर्थिक मदद देने और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के घोटालों की जांच कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 30 मई तक का समय दे रखा है। मांगे पूरी नहीं की गई तो पूरे प्रदेश में आंदोलन करने की चेतावनी दे रखी है। यही कारण है कि केंद्रीय नेतृत्व इस मसले को पहले ही सुलझाने का प्रयास कर रहा है। यह बात भी सही है कि सचिन पायलट की ओर से 3 साल पहले प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफारिशों को लागू नहीं करने का मामला आज भी जीवित है।

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लेकिन जो कमेटी ने रिपोर्ट तैयार की थी उसको आज तक लागू नहीं होना चर्चा का विषय है। 25 सितंबर को बगावत को लेकर तीन नेताओं को अनुशासन समिति द्वारा नोटिस दिया गया । जिस पर अब तक कार्यवाही नहीं होने, यह मसला भी सबके सामने है। अब तक सचिन पायलट द्वारा 1 दिन का अनशन और अजमेर से जयपुर तक की जन संघर्ष पदयात्रा पर पर भी चर्चा संभव है।

राजस्थान में विधायक दल की बैठक नहीं होना भी यह सवाल उठता है कि आखिर लोकतंत्र में कैसे निर्णय होंगे यह बात सबके सामने है ।

 

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का निर्णय के साथ ही मंत्रिमंडल में फेरबदल पर भी चर्चा और निर्णय किए जाने की प्रबल संभावना बनी हुई है। बैठक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे द्वारा बुलाए जाने की बात है। इस बैठक में प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा, संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल शामिल होगे ।स्थिति चाहे कुछ भी हो अगर केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान की स्थिति को नहीं संभाला तो निश्चित तौर पर सरकार को रिपीट करना एक बड़ी चुनौती होगा।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने महंगाई राहत शिविर के माध्यम से सरकार को रिपीट करने का दावा कर रहे हैं। अब चाहे कुछ भी हो प्रचार-प्रसार का सिलसिला तो तेज है लेकिन कर्नाटक में राहुल गांधी ने 5 वादों को पूरा करने का जो ऐलान किया है उसे राजस्थान में भी जब विधानसभा के चुनाव होंगे तो वही वादे करने भी होंगे।

 

लेकिन सुखविंदर सिंह रंधावा का बड़ा बयान अभी सामने आया है कि
रंधावा सचिन पायलट को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा पर बोले है कि कांग्रेस पार्टी किसी को नहीं निकालती है।

 

पुराने नेताओं को तो बिल्कुल नहीं निकालती हैं ।कांग्रेस में सभी नेताओं का सम्मान है, लेकिन मैं इतना भी कह दूं कि, जो कांग्रेस पार्टी छोड़ कर गया है।उसका क्या हश्र हुआ है? आप सबके सामने है ।

 

 

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