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अररिया: संजय मिश्रा ने अब्दुल रहमान को भेंट किया रामायण व कुरान, माला पहनाकर शाल ओढ़ाकर उन्हें किया सम्मानित

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संजय मिश्रा ने अब्दुल रहमान को भेंट किया रामायण व कुरान, माला पहनाकर शाल ओढ़ाकर उन्हें किया सम्मानित

गंगा-जमुनी तहजीब का जीता जागता मिसाल हैं अब्दुल रहमान

अस्वस्थ होने पर पूरा गांव बहा रहा है आंसू, उनके स्वास्थ्य के लिए कर रहे हैं दुआ व विनती

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बिहार न्यूज़ लाइव \ भरगामा/ अंकित सिंह।

समाजसेवी सह एसडीएम ग्रुप के संस्थापक संजय कुमार मिश्रा अब्दुल रहमान के घर पहुंच कर रामायण व कुरान दिया व माला पहनाकर शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। सम्मान पाकर अब्दुल रहमान के आंखो मे आँसू छलक गया। बताया जहां अपने दरकिनार कर देते हैं। वहीं आप जैसे समाजसेवी के द्वारा सम्मानित होना गर्व की बात है।
अररिया जिले के भरगामा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खजुरी वार्ड संख्या 07 निवासी एक मुस्लिम परिवार बीते कई दशकों से हनुमान मंदिर में भक्ति कार्यक्रम कर हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम किए हुए हैं। बीते दिनों 87 साल के अब्दुल रहमान को पैरालाइसिस मार दिया है। जिसके बाद उनकी सेहत ठीक नहीं रहती। जिस कारण खजुरी वार्ड संख्या 7 के ग्रामीण काफी दुखी हैं व अब्दुल रहमान के लिए पूरा गांव आंसू बहा रहा हैं और उनके स्वस्थ होने की कामना कर रहा है। जानकारी देते हुए खजुरी वार्ड संख्या 7 के ग्रामीण युवा नेता सीतांशु शेखर पिंटु, राजकुमार गुप्ता, नागेश्वर कमल, मानिकचंद पासवान, प्रभात, राजीव यादव सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि अब्दुल रहमान बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति है। जो समाज के हर एक व्यक्ति को अपने साथ जोड़ के रखा है।
बुजुर्ग लोग बताते हैं कि जब उनका रेडियो पर कार्यक्रम आता था तो पूरे गांव के लोग रेडियो पर कार्यक्रम सुनकर बेहद खुश होते थे। उनके अस्वस्थ होने के बाद अब किसी भी भक्ति कार्यक्रम के आयोजन में उनकी कमी लोगों को महसूस हो रही है। अब्दुल रहमान के अस्वस्थ होने के बाद उनके घर प्रत्येक दिन मेले जैसा नजारा देखने को मिलता हैं जहां समाज के हर तबके के लोग उनसे मिलने व हाल-चाल जानने प्रतिदिन उनके पास पहुंचते हैं।

 

जानकारी देते हुए अब्दुल रहमान के पुत्र इरफान, ने बताया कि उनके पिता जेपी आंदोलन में फणीश्वर नाथ रेणु के साथ अपना योगदान दिया था साथ ही उनके पिता हिंदू ग्रंथ और मुस्लिम ग्रंथों में भी अच्छी पकड़ रखते हैं। वे एक हाथ से हिंदी लिखते तो दूसरी हाथ से उर्दू लिखते थे। उनके सामने अगर कोई बैठा होता तो वह उनकी तस्वीर बना डालते थे, साथ ही वह अच्छे कवि भी थे इनकी एक चर्चित कविता है,

“भोले शंकर डमरू वाले क्या खूब सजाई है दुनियां ।
तू घट घट में तू हर घट में, कहीं ढोल बजे कहीं हरमुनिया,
हे गौरी पति सृष्टिकर्ता, तू जो चाहे वैसा करता
दुख दूर करो हम दुखियों की, मुंह फेर लिया हमसे दुनिया

भोले शंकर डमरू वाले क्या खूब सजाई है दुनियां तू घट घट में तू हर घट में कहीं ढोल बजे कहीं हरमुनिया”
बता दें कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के साथ कई बार कवि सम्मेलन में भी भाग लिया हैं। पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ जाकिर हुसैन के साथ भी इनका ताल्लुकात रहा है। दरअसल भरगामा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खजुरी वार्ड संख्या 07 में रहने वाले अब्दुल रहमान और उनका परिवार खजुरी बजार स्थित हनुमान मंदिर पर बीते कई दशकों से हनुमान मन्दिर कमिटी से जुड़े रहे और मंदिर बनाने में सहयोग किया। मंदिर में होने वाले कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपने भजनों से लोगों का मन मोह लेते थे। अब्दुल रहमान का कहना हैं कि ईश्वर अल्लाह एक हैं। हम तो केवल इंसानियत को मानते हैं। जिस शिद्दत के साथ वह नमाज अदा करते हैं और इस्लाम की पवित्र महीने रमजान में रोज़ा रखते हैं। उसी शिद्दत के साथ वह हनुमान जी के प्रति सम्मान रखते है।

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