बिहार न्यूज़ लाइव नालंदा डेस्क: बिहारशरीफ 4जुन-दीप का पर्व आया है। आओ जीवन को धन्य बना लो रे। आओ सुख सौभाग्य जगा लो रे। तेजस्विता, प्रखरता, सुख सौभाग्य जगाने और धरती से अज्ञान रूपी अन्धकार दूर करने का पर्व है दीपयज्ञ ।अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार में प्रज्ज्वलित अखंड दीप की रजत जयंती के अवसर पर इस वर्ष को महिला सशक्तिकरण वर्ष घोषित किया गया है। ताकि राष्ट्र की सम्पूर्ण नारी जाति का चहुंमुखी विकास हो ।
इसी क्रम में हरनौत में चल रहे 108 कुंडीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन 15000 दीपकों का विराट भव्य दीपमहायज्ञ किया गया।
जिसमें हजारों लोगों ने एक साथ मिलकर सामूहिक रूप से यज्ञ हवन और दीप आराधना की और भगवान की भक्ति कर जीवन की बुराइयों को त्यागने और विश्व में शांति कायम रहे इसकी कामना की गई।कथा वाचक प्रज्ञा पुत्र अरुण खंडागले ने कहा कि टिकेगा कहां तक धरा पर अंधेरा, नई रोशनी ले सुबह आ रही है। दीपयज्ञ में सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर अपने अंदर की बुराइयों को त्याग कर श्रेष्ठ बनने का संकल्प लेने और विश्व शांति की कामना का पर्व है दीपयज्ञ।दीपक की ज्योति हमें उपर उठने की प्रेरणा देती है।
जिस तरह स्वंय तील तील जलकर प्रकाश फैलाना दीपक का धर्म है। उसी तरह हम सभी दीपक की तरह अपने जीवन को ज्योति बना लें और दीपक की तरह प्रकाशित जीवन जियें। अपने अंदर और समाज में व्याप्त बुराईयां रुपी अंधकार को दूर करने का संकल्प लेने का पर्व दीपमहायज्ञ है।
शांतिकुंज के गायक हेमलाल तत्वदर्शी तबला वादक अभय वास, आर्गन वादक संजय कुमार शर्मा वादक लखन लाल प्रजापति व अरविंद कुमार सिंह ने प्रज्ञा और प्रेरणा पद उत्साहवर्धक गीत प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी वीर अभिमन्यु सिंह ने यह यज्ञ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगव�
Comments are closed.