नालंदा: नालंदा में बौद्ध रीति-रिवाज से करायी गयी शादी.

Rakesh Gupta
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बिहार न्यूज़ लाइव /बिहारशरीफ6 जून -मंगलवार की देर रात्रि बिहारशरीफ छोटी पहाड़ी के एक मैरिज हॉल में एक अनोखा विवाह समारोह देखने को मिला, जिसमें वर-वधु ने सभी आडम्बरों को तोड़ते हुए संविधान की शपथ लेकर विवाह के बंधन में बंधे।

 

यह विवाह मगध कॉलनी,छोटी पहाड़ी बिहारशरीफ निवासी बामसेफ नालंदा के जिला उपाध्यक्ष शिक्षक राजेश कुमार रमन तथा सेवानिवृत मत्स्य प्रसार पदाधिकारी व समाजसेवी मूलनिवासी शिवबालक पासवान की सुपौत्री आयुष्मति रजनीगंधा की शादी एकंगर सराय धुरगाँव नालंदा के निवासी चंद्र भूषण पासवान के सुपुत्र चिरंजीवी सागर पासवान के साथ बौद्ध परंपरा से वर-वधु ने एक-दूसरे को माला पहना कर शादी की।यह शादी दुनिया की सारी पंरपरा छोड़कर साधारण तरीके से संविधान की शपथ लेकर शादी की और आज दोनों ने उस पल को बखूबी निभाया और एक-दूजे के हो गए। सागर पासवान के पिता चंद्र भूषण पासवान गांव में किसानी से जुड़े हुए है।

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 सागर पासवान ने बताया कि बाबा साहब के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हमें अधिकार मिला है कि लड़का-लड़की अपनी पसंद से शादी कर सकते है। उसी संविधान की बदोलत हमने यह विवाह किया है। हमने शादी में मनुवादी का कोई रीति-रिवाज का पालन नहीं किया। सिर्फ सबसे बड़े ग्रंथ संविधान जिसने हमें अधिकार दिया, उसी की शपथ लेते हुए आज विवाह के एक पवित्र रिश्ते में बंधे हैं, और अपने बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त किया।

 

वर्तमान में सागर पासवान मध निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग में सरकारी पद पर कार्यरत हैं, साथ ही साथ बामसेफ के एक कुशल कार्यकर्ता भी हैं। जबकि वधु आयुष्मति रजनीगंधा शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त की हुई है। साथ ही सामाजिक कार्य करते हुए डॉ. अंबेडकर के विचारों को आगे बढानें में लगी हुई है। सागर पासवान ने बताया कि साफ-सुथरी और आडम्बर मुक्त शादी करके बहुत

 

 

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