बिहार न्यूज़ लाइव / भागलपुर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के वित्त रहित अनुदानित शिक्षकों और कर्मचारियों का गुरुवार को दूसरे दिन भी धरना जारी रहा। ये लोग सरकार द्वारा भेजी गई अनुदान की राशि के भुगतान के लिए बुधवार से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर में धरना कार्यक्रम चला रहे हैं।
शिक्षकों-कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी आक्रोश गहराता जा रहा है कि दो दिनों से वे इस भीषण गर्मी में धरना पर बैठे हैं, लेकिन उनसे मिलने न तो कुलपति आए और न ही उनका कोई प्रतिनिधि।इससे कुलपति की संवेदनशीलता तो झलकती ही है, इस बात की भी पुष्टि हो जाती है कि सरकार द्वारा भेजी गई राशि हम शिक्षकों और कर्मचारियों की ही है। शिक्षकों-कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि अनुदान की राशि को आए तीन महीने बीतने को हैं और भुगतान न कर उन्हें परेशान किया जा रहा है।
आंदोलनकारियों ने इस बात को दोहराया कि अनुदान राशि का भुगतान होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। धरना में ताड़र महाविद्यालय, महादेव सिंह कॉलेज, रजौन कॉलेज, एके गोपालन कॉलेज, शंभूगंज कॉलेज, धोरैया कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों के शिक्षक-कर्मचारी मुख्य रूप से शरीक हुए।धरनास्थल पर मुस्लिम माइनॉरिटी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य व भागलपुर के उपमहापौर डॉ. सलाउद्दीन अहसन भी पहुंचे। उन्होंने शिक्षकों और कर्मचारियों को यह कहते हुए बल दिया कि जबतक उनका आंदोलन जारी रहेगा, उनकी उपस्थिति भी बनी रहेगी। एक कदम आगे बढ़कर उन्होंने कहा कि कुलपति महोदय आपको अनुदान देना ही होगा, किसी प्रकार का बहाना नहीं चलेगा।
दो दिनों का दिया अल्टीमेटम, नहीं तो कर देंगे काम ठप
वितरित अनुदानित शिक्षक-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि दो दिनों के अंदर अगर कुलपति या फिर उनके प्रतिनिधि वार्ता के लिए नहीं आते हैं तो वे विश्वविद्यालय में किसी भी तरह का काम नहीं होने देंगे। इतना ही नहीं, पत्राचार व अन्य माध्यमों से कुलाधिपति, शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को भी वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे। धरनास्थल पर डिग्री शिक्षक-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. आनंद मिश्रा, सकलदेव मंडल, दिलीप कुमार सिंह, जयशंकर ठाकुर, मंटू यादव, अकील अहमद, डॉ. साहिल अख्तर, डॉ. परवेज अख्तर, महेंद्र सिंह, राजीव प्रिया आदि मौजूद थे।
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