पटना: जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के निर्देश पर विभिन्न प्रखण्डों में स्थित 938 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया…
बिहार न्यूज़ लाईव / पटना डेस्क: जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सरकार के निदेश के आलोक में तैयार कैलेण्डर के अनुसार प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है।इसके पूर्व दिनांक 03 जुलाई, 2023 को 832 विद्यालयों की जाँच की गयी थी तथा अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये 21 शिक्षकों का निरीक्षण तिथि का वेतन अगले आदेश तक अवरुद्ध रखने का निदेश दिया गया था।
दिनांक 01 जुलाई, 2023 को 371 विद्यालयों की जाँच की गयी थी तथा अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये 46 शिक्षकों का निरीक्षण तिथि का वेतन अगले आदेश तक अवरुद्ध रखने का निदेश दिया गया था।
ज़िले में कुल 3,486 विद्यालय हैं जिसमें 1973 प्राइमरी, 1091 मिडल/अपर प्राइमरी तथा 422 सेकेंडरी/हायर सेकेंडरी विद्यालय है।
डीएम ने कहा कि कैलेण्डर इस प्रकार तैयार किया गया है कि हरेक विद्यालय का सप्ताह में कम-से-कम दो बार अवश्य निरीक्षण हो।
रोस्टर के अनुसार शिक्षा विभाग के ज़िला में पदस्थापित पदाधिकारियों के साथ-साथ जिला में पदस्थापित अन्य विभागों के पदाधिकारियों को निरीक्षण का दायित्व दिया गया है। निरीक्षी पदाधिकारियों को मॉडल निरीक्षण प्रपत्र उपलब्ध कराया गया है।
निरीक्षी पदाधिकारियों को निदेश दिया गया है कि वे जाँच के दौरान विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों की संख्या, उपस्थित शिक्षकों की संख्या, स्वीकृत/सूचित अवकाश में रहने वाले शिक्षकों की संख्या, असूचित/अनधिकृत अवकाश में रहने वाले शिक्षकों का नाम, विद्यालय में नामांकित कुल विद्यार्थियों की संख्या, विद्यालय में उपस्थित कुल विद्यार्थियों की संख्या, 50 प्रतिशत या उससे कम, 50-75 प्रतिशत तक तथा 75 प्रतिशत से अधिक छात्र की उपस्थिति अवश्य देखेंगे तथा प्रतिवेदित करेंगे।
वे यह भी देखेंगे कि निर्धारित समय तक शिक्षक और विद्यार्थी वास्तविक रूप से विद्यालय में हैं या नहीं तथा पढ़ाई हो रही है या नहीं। गौरतलब है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय का समय ग्रीष्मावकाश के पश्चात् सुबह 09.00 बजे से 03.00 बजे तक एवं माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय का समय सुबह 09.30 बजे से 04.00 बजे तक है। इसके आलोक में जिलाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया है कि निरीक्षी पदाधिकारी कभी सुबह 09.00 बजे/09.30 बजे के आस-पास तथा कभी दोपहर (02.00 बजे से 03.00 बजे के बीच) में भी उस विद्यालय में अपने रोस्टर के अनुसार जाएं और यह देंखे कि 03.00 बजे/04.00 बजे तक शिक्षक और विद्यार्थी वास्तविक रूप से विद्यालय में रह रहें हैं या नहीं एवं पढ़ाई हो रही है या नहीं।
डीएम डॉ. सिंह ने निरीक्षण के दौरान यह भी जाँच करने का निदेश दिया है कि विद्यालय प्रबंध समिति एवं विद्यालय शिक्षा समिति की अंतिम बैठक कब हुई थी। प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में मध्याह्न भोजन दोपहर को तय समय पर ही परोसा जा रहा है या नहीं। निरीक्षी पदाधिकारी प्रत्येक कक्ष में अवश्य जाएंगे तथा साफ-सफाई की स्थिति देखेंगे। विद्यालय में शौचालय की सुविधा है या नहीं। शौचालय होने की स्थिति में शौचालय साफ एवं क्रियाशील है अथवा नहीं। विद्यालय में पेयजल की कैसी सुविधा है।
आवश्यकतानुसार छात्रों एवं अभिभावकों से फीडबैक भी लेंगे। मॉडल प्रपत्र में सभी मौजूद शिक्षकों का हस्ताक्षर भी अनिवार्य है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा है कि औचक निरीक्षण हेतु सेक्टोरल पदाधिकारी के रूप में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी/अंचलाधिकारी/राजस्व पदाधिकारी/बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी को नामित किया गया है। इनके द्वारा भी क्षेत्राधीन विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाएगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संबंधित अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत विद्यालयों के निरीक्षण का सतत अनुश्रवण किया जा रहा है।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा निरीक्षी पदाधिकारियों को मॉडल प्रपत्र में प्रतिवेदन प्रतिदिन शाम में प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी को समर्पित करने का निदेश दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रखण्डवार प्रतिवेदनों को संकलित करते हुए समेकित प्रतिवेदन अपने स्पष्ट मंतव्य एवं अनुशंसा के साथ जिला पदाधिकारी के समक्ष उपस्थापित किया जाएगा। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि निरीक्षण में प्राप्त तथ्यों के आधार पर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ एवं संवेदनशील बनाने के लिए समय-समय पर योजनाओं की जाँच की जा रही है।विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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