बिहार न्यूज़ लाइव नालंदा डेस्क: बिहारशरीफ।बिहार में विकास की यही रफ्तार रही तो बिहार से बहार लुप्त हो जाएगा। बात है नालन्दा जिला के बेन प्रखंड का। जहां मरसुआ और माड़ी गांव के बीच एक छोटी सी सम्पर्क पूल के निर्माण में 8 साल के समय लगने के बाद भी नवनिर्मित पूल को चालू नहीं किया गया है। कारण है कि पूल के दोनों तरफ सौ- सौ फीट सड़क कच्ची मिट्टी की है।
जिसपर आम आदमी को पैदल चल पाना भी मुश्किल है। बारिश की बजह से कच्ची रोड पर कहीं पहाड़ तो कहीं खाई बना हुआ है। ऐसे में एम्बुलेंस और स्कूल बस की तो बात ही करना दूश्वार होगी।जहां पूल 2022 से बनकर तैयार अपनी उद्घाटन की बाट जोह रहा है वहीं दर्जनों गांवों के हजारों लोग भी पूल चालू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पूल के चालू हो जाने से दर्जनों गांवों जैसे माड़ी, चमर बिगहा, गोविंदपुर, महमदपुर, ममुराबाद, छोटी आट, बड़ी आट, लालमन बिगहा गांव के हजारों लोगों का प्रखंड मुख्यालय से सम्पर्क आधी हो जायेगी।
माड़ी गांव के अरविंद प्रसाद, बिनोद कुमार, देवनन्दन प्रसाद व मरसुआ गांव के भोली महतो ने बताया कि यह विकास सूर्य को दीपक दिखाने के समान है। आठ वर्ष से यह पूल बन रहा है। 5 किलोमीटर की दूरी को 10 किलोमीटर की दूरी तय करने को विवश हैं। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर बहुत ही प्रतिकुल प्रभाव पड़ रहा है। इमरजेंसी में एम्बुलेंस गांव में नहीं पहुंच सकती है। ऐसे में विकास की बात करना भी बेईमानी होगी।
मौके पर मौजूद देवेंद्र पंडित, कुंदन कुमार, सोनिया देवी, मंजू देवी, पिंकू कुमार, अलख नारायण प्रसाद, जीतू कुमार, राहुल कुमार, ललन जमादार व मणी कुमार समेत दर्जनों लोगों ने 8 वर्षों से पूल चालू नहीं होने पर विरोध प्रकट करते हुए सरकार से अतिशीघ्र पूल चालू करने का आग्रह किया है।
बिहारन्युज/प्रमोद कुमार पांडेय
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