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जमुई: इस्लामनगर अलीगंज अंचलाधिकारी पर रैयत ने वास्तविक केवाला को रद्द कर फर्जी केवाला दाखिल खारिज करने का लगाया आरोप।

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बिहार न्यूज़ लाइव जमुई डेस्क : मृगांक शेखर सिंह/जमुई जमुई जिले के इस्लामनगर अंचल के अंचलाधिकारी अरविंद कुमार पर वास्तविक केवाला को रद्द कर फर्जी केवाला को दाखिल खारिज करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि कई बार इस्लामनर अलीगंज अंचल कार्यालय व राजस्व कचहरी मैं पदस्थापित कर्मियों अपने कारनामे को लेकर चर्चा में रहे हैं।जमुई जिले के इस्लामनगर अंचल कार्यालय से लेकर राजस्व कचहरी तक बिचौलियों का साम्राज्य व्याप्त है।बात किसी से छुपी नहीं है लेकिन फिर भी सब मौन है।बिचौलियों के कारनामे चंगुल से आम लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। ऊपर से हालत यह भी है कि लोग खुलकर शिकायत करने की स्थिति में भी नहीं होते। क्या पता शिकायत कर्ता के खाते से लेकर खसरा तक बिगड़ जाए।

मामला भूमि से जुड़े होने के कारण अभी तक जमीदारी प्रथा से मुक्ति नहीं मिल पाई फर्क इतना है कि अब के जमींदार को सरकारी होने का लेवल लग चुका है।आरटीपीएस को मुखौटा बना संबंधीत लोग धड़ल्ले से शोषण पर उतारू है और सब कुछ जान कर भी विभाग मौन है। ताजा मामला जमुई के इस्लामनगर अलीगंज के अंचलाधिकारी से जुड़ा है। जहां अंचल क्षेत्र डाढ़ के निवासी नाजिया परवीन के पति शहजादा परवेज ने बताया है कि मैंने अंचल क्षेत्र के बहछा गांव निवासी रामनंदन सिंह उम्र 66 वर्ष पेसर स्वर्गीय रामबालक सिंह से नाजिया परवीन और आशिया खातून के नाम पर एक जमीन दिनांक 9:12:2022 को खरीदा है। जो नाजिया परवीन के नाम पर 1 एकड़ 38 पूर्णांक तीन बटे चार डिसमिल और आशिया खातून के नाम पर 56 पूर्णांक एक बटे 4 डिसमिल है। दोनों केवाला में दोनों का खाता नंबर 7 खसरा नंबर 139 है। उसके बाद मैंने दिनांक 13:12 2022 को म्यूटेशन के लिए आवेदन किया जिसका केस नंबर 2747 एवं 2748 है। जिसे कर्मचारी राकेश कुमार द्वारा 8: 2: 2023 को और राजस्व पदाधिकारी अशोक कुमार के द्वारा 15:2:2023 को सत्यापित किया गया था। उसके बाद मेरा म्यूटेशन अनुरोध को यह कहकर रद्द कर दिया गया कि यह जमीन पर बिक्रेता बहछा गांव निवासी रामनंदन सिंह पिता स्व रामबालक सिंह का दखल कब्जा नहीं है। जिस से संबंधित दस्तावेज मैंने अंचल कार्यालय इस्लामनगर अलीगंज से भी प्राप्त किया हूं। और उसी भूमि को जैतून निशा पति मरहूम मलिक इमरान द्वारा म्यूटेशन के लिए 13: 12:2023 को अनुरोध किया गया।जिसका केस नंबर 3384 है। फर्जी केवाले के आधार पर केवाला नंबर नंबर 7321 है, जो कि शालिग्राम सिंह पिता रामवृक्ष सिंह के बैनामे पर दर्ज है। जिसका खाता नंबर 46 खसरा नंबर 778/ 791 है। जो जमीन ग्राम कैराका दो अंचल खैरा जिला जमुई की है।

 

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मोहम्मद शहजादा पिता स्वर्गीय मोहम्मद सलमान ने बताया कि मेरे दोनों केबाला के अनुरोध को रद्द कर अलीगंज के अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ने मोटा रकम लेकर फर्जी केवाला जो जैतून निशा जोजे इरफान अहमद के नाम से है उसे दाखिल खारिज कर दिया है। साथ ही उन्होंने बताया कि जिस केवाला को अंचलाधिकारी ने दाखिल खारिज किया है वह केवाला नंबर 721 है। जिसे मैंने रजिस्ट्री कार्यालय जमुई से संबंधित केवाला का दस्तावेज निकाला तो पता चला कि दस्तावेज में शालिग्राम सिंह पिता रामवृक्ष सिंह के नाम पर दर्ज है।

 

जिसका खाता नंबर 46 खसरा नंबर 778/ 791 है, जो जमीन ग्राम कैराकादो अंचल खैरा जिला जमुई की है। अब सवाल यह उठता है कि उक्त जमीन जब खैरा अंचल से है तो उक्त केवाला ऑनलाइन करा कर इस्लामनगर अलीगंज अंचल में किस परिस्थिति में दाखिल खारिज किया गया है। अब तो जांच से ही स्पष्ट पता चल सकेगा की यह जमीन जमुई जिले के खैरा अंचल के क्षेत्र की है या इस्लामनगर अलीगंज क्षेत्र की और इस जमीन के कौन वास्तविक केवालेदार हैं और कौन नकली।

 

मोहम्मद शहजादा ने बताया कि इसकी जानकारी मैंने अंचलाधिकारी अरविंद कुमार को भी दिया लेकिन उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि संबंधित दाखिल खारिज के खिलाफ मैंने डीसीएलआर जमुई के दफ्तर में ऑनलाइन किया हूं। अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि फर्जी केबाला के सम्बंध में हमे कोई जानकारी नहीं है।

 

 

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