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सारण: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर आयोजित हुआ व्याख्यान…

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*चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर आयोजित हुआ व्याख्यान*

 

फोटो 01 व्याख्यान में भाग लेते विद्यार्थीगण

बिहार न्यूज़ लाइव सारण डेस्क:  छपरा कार्यालय। अकादमिक मण्डल, राजेन्द्र कॉलेज के तत्वावधान में इसरो के चंद्रायन-3 की ऐतिहासिक सफलता को ध्यान में रखते हुए एक व्याख्यान का आयोजन हुआ जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्राध्यापकगण एवं समस्त अध्यापकों सहित विद्यार्थियों की बहुसंख्यक उपस्थिति रही।

कार्यक्रम का प्रारंभ एकेडमिक मंडल के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार के द्वारा स्वागत वक्तव्य एवं विषय प्रवर्तन के साथ हुआ इस दौरान उन्होंने इसरो के चंद्रायन -3 मिशन को न केवल भारतवर्ष के लिए बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव बताया।

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प्राचार्य डॉ सुशील कुमार श्रीवास्तव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में चांद पर भारत की उपस्थिति दर्ज होना एक अत्यंत गौरवशाली क्षण एवं घटना के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि पूरे विश्व के लिए मिल का पत्थर है। उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई एवं मंगलकामनाएं प्रेषित कीं।

विषय विशेषज्ञ के रूप में भूगोल विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अनुपम कुमार सिंह एवं भौतिक शास्त्र विभाग के सहायक अध्यापक डॉ रवि प्रकाश नाथ त्रिपाठी ने चांद एवं इस मिशन से संबंधित तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने अपने वक्तव्य एवं ओवरहेड प्रोजेक्टर के सहारे विभिन्न स्लाइड्स में बनाए गए डायग्राम एवं वीडियो के सहारे विद्यार्थियों को विस्तृत जानकारी प्रदान की।

डॉ अनुपम कुमार सिंह ने चांद के तीन लेयर के संबंध में जानकारी दी इसी क्रम में उन्होंने चांद की रचना प्रक्रिया के संबंध में वैज्ञानिक धारणाओं पर वीडियो के सहारे जानकारी प्रस्तुत की साथ उन्होंने इसरो के द्वारा प्रक्षेपित चंद्रयान-1, चंद्रयान 2 एवं चंद्रयान 3 के संबंध में क्रमशः विस्तृत जानकारी दी विशेष रूप से चंद्रयान 3 की सफलता को उन्होंने इतिहास में दर्ज होने वाला एक विशिष्ट घटनाक्रम बताया और इसका खास पहलू उन्होंने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग को बताया क्योंकि वह चांद का एक ऐसा हिस्सा है जिसमें विशाल पहाड़, गड्ढे एवं अंधेरा इत्यादि विषम परिस्थितियां हैं उसके बावजूद भी भारत के वैज्ञानिको ने यह साहस किया और उसमें सफलता अर्जित की।

विषय विशेषज्ञ डॉ डॉ. रवि प्रकाश नाथ त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में इसरो के प्रथम अध्यक्ष डॉ. विक्रम साराभाई के समय में शुरू हुए अंतरिक्ष कार्यक्रम से लेकर अब तक के सफर को उपलब्धियों से भरा हुआ बताया। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से धरती की सतह से चंद्रयान के प्रक्षेपण एवं चंद्रमा के सतह तक उसके पहुंचने की यात्रा के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने इससे संबंधित कुछ आवश्यक वीडियो भी कार्यक्रम के दौरान दिखाते हुए विद्यार्थियों की जानकारी में वृद्धि की।

पूरे कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के आयोजन स्थल परीक्षा भवन का विशाल हाल विद्यार्थियों की बहुसंख्यक उपस्थिति से खचाखच भरा रहा और उनमें लगातार उत्साह भी बना रहा। कार्यक्रम के दौरान उत्साहपूर्वक मंच संचालन हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. ऋचा मिश्रा ने किया। वहीं कार्यक्रम के अंत में सभी आगंतुकों का धन्यवाद एवं आभार ज्ञापन हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. बेठियार सिंह साहू द्वारा किया गया।

उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम की सफलता में एकेडमिक मंडल के अध्यक्ष भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार एवं हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ विशाल कुमार सिंह सहित एकेडमिक मंडल के समस्त सदस्यों का उत्साह एवं सक्रियता सराहनीय रही। इसी तरह महाविद्यालय के कर्मचारियों ने भी कार्यक्रम की सफलता में बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका दर्ज की। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार श्रीवास्तव के अलावा वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अशोक कुमार सिन्हा, डॉ. संजय कुमार (इतिहास), डॉ. विधानचंद्र भारती, डॉ. एन. पी. वर्मा डॉ. पूनम, डॉ. राजीव कुमार मिश्रा, शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. शादाब हाशमी, सचिव डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, डॉ. कन्हैया प्रसाद, डॉ. अर्चना उपाध्याय, डॉ. सुनील कुमार पांडेय, डॉ. इक़बाल इमाम, डॉ. गौरव कुमार सिंह, डॉ. सरोज कुमार सिंह, डॉ. परेश कुमार सहित अधिकतर शिक्षकों की उपस्थित रही। वहीं कर्मचारी वर्ग से विशेष रूप से सूरज राम, मनोज दास, रामबाबू, विश्व विजय तथा छात्र- छात्राओं की सक्रिय उपस्थिति रही।

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