अजमेर: धार्मिक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तीर्थराज पुष्कर पशु मेले में बुनियादी सुविधा की माँग….
धार्मिक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तीर्थराज पुष्कर पशु मेले में बुनियादी सुविधा की माँग
* धार्मिक पुष्कर मेला पाँच दिवसीय भरता
* सरकारी स्तर पर मेला गोपाष्टमी से शुरू
* धार्मिक मेले हेतु पाँच करोड़ की माँग
बिहार न्यूज़ लाईव पुष्कर/अजमेर डेस्क: (हरिप्रसाद शर्मा) अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तीर्थराज पुष्कर पशु एवं धार्मिक मेला पांच दिवसीय महास्नान स्नान के साथ सम्पन्न होता है । लेकिन प्रति वर्ष यह मेला आपाधापी में ही पूरा हो जाता है ।मेले में समुचित सुविधा हेतु सामाजिक कार्यकर्ता अरूण पाराशर ने ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन दिया है । पाराशर ने अपने ज्ञापन में लिखा है कि पुष्कर मेला प्रतिवर्ष भर्ती है। जिसमें आने वाले ग्रामीणों एवं पर्यटकों अच्छी सुविधा हेतु उनकी मूलभूत बुनियादी सुविधाओं के लिए पाँच करोड़ की माँग की है । यह बजट आवंटित बजट के अतिरिक्त विशेष पाँच करोड़ का जारी किया जाये। सरकारी स्तर पर यह मेला गोपाष्टमी को झंडारोहण के साथ शुरू होता है पाराशर ने बताया कि इस मेले में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आयोजन होता है ।
जिससे हजारों ऊंट घोड़े आदि पशुधन खरीद बिक्री के लिए आते हैं तथा लाखों सनातन धर्म हिंदू धर्म प्रेमी आदि अनादि श्री ब्रह्म पुष्कर सरोवर में कार्तिक मास की एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिवस पर आस्था की डुबकी लगा दान -पुण्य करने आते हैं वहीं हजारों विदेशी मेहमान भी हमारी विलक्षण प्रतिभा,राजस्थान की ग्रामीण कला संस्कृति की विशिष्ट छवि के प्रति आकर्षित होकर उसे निहारने व रूबरू होने आते हैं। पाराशर ने यह भी बताया कि इन सभी प्रकार की खूबियों से ओत प्रोत महासंगम आयोजन में सम्मिलित होने वाले पशुपालको धार्मिक तीर्थ यात्रियों विदेशी मेहमानों के लिए उच्च स्तरीय व्यवस्था के लिए राज सरकार द्वारा जिला एवं स्थानीय प्रशासन को विशेष बजट प्रावधान है ,
यह राशि कम से कम पाँच करोड आवंटित कर मेले में मेलार्थियों के लिए आवश्यक बुनियादी सुख सुविधा प्रदान करवाने के निर्देश दिए जाएं। विशेष बजट प्रावधान और स्वीकृत की आवश्यकता है ।गत वर्ष यह मेला शिफ्ट किए गए नए पशु मेला मैदान में पशु व पशुपालकों के लिए किसी भी प्रकार की बुनियादी सुख सुविधाएं विकसित किए बिना ही नए पशु मेला स्थल को कार्य रूप में परिणत कर दिया गया ।
जहां पर अज भी सुविधाओं का अभाव है । पशु एवं पशुपालकों को कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ा था ,जो कि इस बार भी झेलना पड़ सकता है ।इस विषय को ध्यान में रखते हुए तथा पशुपालन विभाग ,पर्यटन विभाग और स्थानीय नगर पालिका के पास नए पशु मेला स्थल पर बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए किसी प्रकार का फंड नहीं होने से राज्य सरकार द्वारा विशेष बजट स्वीकृति की आवश्यकता है ।
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