बिहार न्यूज़ लाइव मुंगेर डेस्क : दुर्गा पूजा समाप्ति के बाद शहर में विभिन्न घरों में कलश स्थापना की गई| विभिन्न मंदिरों में जमालपुर मुंगेर सहित 72 प्रतिमाओं का पूजा अर्चना व विसर्जन की गई| पूजा के पश्चात जो कचरा बना वह सभी गंगा नदी में प्रवाहित हो गया| मालूम हो नमामि गंगा परियोजना के तहत विभिन्न प्रखंडों में गंगा दूतों को स्वच्छ गंगा के लिए प्रशिक्षण दिया गया| 2 अक्टूबर को जिले के प्रशासन गंगा किनारे झाड़ू लगा कर शहर वासियों को स्वच्छ गंगा का संदेश दिया बावजूद लोग अंधविश्वास से पड़े हैं जबकि उनके घर जो भी शुभ कार्य होता है पूजा होता है उसमें गंगाजल का इस्तेमाल किया जाता है यह जानते हुए लोग गंगा को गंदा कर रहे हैं|नमामि गंगा कार्यक्रम के स्पेयर हेड निरंजन कुमार ने बताया कि समाज के शिक्षित वर्ग के लोग भी गंगा में कचरा प्रवाहित करते हैं उनको यह लगता है की गंगा में ही कचरा
प्रवाहित होता तभी उनका पूजा सफल होगा इस प्रकार के अंधविश्वास के कारण गंगा मैली होती जा रही है| व्यवहार परिवर्तन की जरूरत है बार-बार लोगों को इसके प्रति जागरूक करना होगा| महान छठ पर्व गंगा किनारे ही संपन्न किया जाता है ऐसे महान पर्व के समय गंगा कचरा से भरा पड़ा दिख रहा है| नमामि गंगा परियोजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शालिग्राम प्रसाद बताते हैं कि लोगों को गंगा के प्रति संवेदनशील होना होगा|
सनातन धर्म,मानव सभ्यता का विकास गंगा से हुआ है| छठ पर्व के दौरान नगर निगम,विभिन्न सामाजिक संस्था द्वारा गंगा को साफ किया जाता है| अन्य दिनों गंगा का हाल यही रहता है जबकि बीच-बीच में बिहार स्थापना दिवस, मुंगेर स्थापना दिवस पर गंगा महाआरती का कार्यक्रम भी होती है बावजूद गंगा मैली हो रही है|
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